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निर्भया केसः कल दोषियों को फांसी पर संशय! पवन ने राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिका

locationनई दिल्लीPublished: Mar 02, 2020 05:21:49 pm

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार खारिज की पवन कुमार गुप्ता की क्यूरेटिव पेटिशन।
पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज की डेथ वारंट पर रोक लगाने की याचिका।
बाकी तीन दोषियों की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट।

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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस में सोमवार को काफी तेज घटनाक्रम देखने को मिला। जहां सुप्रीम कोर्ट ने मामले के दोषी पवन कुमार गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया और इसके बाद दिल्ली कि पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर स्टे की याचिका खारिज कर दी। पवन ने बचाव का एक और तरीका अपनाते हुए राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।
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ताजा जानकारी के मुताबिक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जस्टिस की संविधान पीठ ने पवन कुमार गुप्ता द्वारा दायर क्यूरेटिव पेटिशन को खारिज कर दिया। इस संबंध में जारी आदेश में जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, “मौखिक सुनवाई के एक आवेदन को खारिज कर दिया गया है। सजा-ए-मौत के लिए फांसी देने पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी गई। जबकि हस्ताक्षर किए गए आदेश के लिहाज से क्यूरेटिव पेटिशन भी खारिज कर दी गई।”
इसके बाद दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका दाखिल की। अब राष्ट्रपति को इस दया याचिका पर फैसला सुनाना है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजे जाने की जानकारी लेन एपी सिंह ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट का रुख किया, जहां से चारों दोषियों 3 मार्च के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था।
https://twitter.com/ANI/status/1234386075377754112?ref_src=twsrc%5Etfw
हालांकि पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि डेथ वारंट में कोई बदलाव नहीं होगा और दोषियों को मंगलवार 3 मार्च की सुबह 6 बजे ही फांसी दी जाएगी। इस बीच यह देखना जरूरी होगा कि जब एक दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचार के लिए पड़ी है, तो दोषियों को फांसी कैसे दी जा सकती है।
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इस मामले में पिछले जनवरी को मिली फांसी की पहली तारीख 22 जनवरी से लेकर अब तक के सारे घटनाक्रम पर नजर डालें, तो मंगलवार को फांसी होने की संभावना कम ही नजर आती है। इससे पहले हुई कई बहसों में अदालत को बताया जा चुका है कि चारों दोषियों को इस मामले में एक ही साथ फांसी दी जाएगी और जब तक सभी दोषी अपने पास उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल नहीं कर लेते, उन्हें फांसी नहीं दी जा सकती।
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायमूर्ति की संविधान पीठ में जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता में सुनवाई की गई और इसमें जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण शामिल रहे।
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दरअसल बीते शुक्रवार को पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दाखिल कर फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की थी। निर्भया केस में पवन चार दोषियों में से एक है।
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सुप्रीम कोर्ट इससे पहले बाकी तीनों दोषियों अक्षय, विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज कर चुके हैं। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई की तारीख 5 मार्च तय कर रखी है। इस याचिका में अदालत ने निर्भया केस के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने से जुड़े निर्देश देने की मांग की गई है।

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