वहीं पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि निचली कोर्ट ने जल्दबाजी में फैसला सुनाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलें सुनने के बाद इस याचिका को खारिज कर दिया।
पवन के वकील का कहना था कि नाबालिग होने के दस्तावेज दाखिल किए बिना कोर्ट की ओर सेजल्दबाजी में फैसला सुना दिया गया था।
जेपी नड्डा के बीजेपी अध्यक्ष बनने से पहले पत्नी ने दिया चौंकाने वाला बयान नाबालिग होने का दावा
इससे पहले पवन के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जिस समय अपराध हुआ था। उस समय पवन 17 साल और एक महीने का था। एपी सिंह ने कहा कि ऐसे में उसकी भूमिका को मामले में एक किशोर के रूप में माना जाना चाहिए।
आपको बता दें कि पवन गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका के बाद निर्भया की मां का सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने गुस्से में आकर कहा कि आखिर ऐसे दरिंदों के पास इतन अधिकार क्यों है।
दोषी लगातार अपनी फांसी की तारीख आगे बढ़वाने के लिए कोशिशों में जुटे हुए हैं और कानून की आड़ में बचे हुए हैं। निर्भया की मां ने कहा कि मैं चाहती हूं अब निर्भया के सभी दोषियों को 1 फरवरी के दिन ही फांसी दी जाए।