पति को नहीं मानती दोषी बड़ी बात तो यह है इतना बड़ा क्राइम करने के बाद भी पत्नी पुनीता ये मानने को तैयार नहीं है कि उसका पति अक्षय दोषी है। उसके अनुसार घटना वाले दिन उसका पति उसके साथ औरंगाबाद में था।
पति से लेना चाहती है तलाक वहीं पुनीता अपने पति से तलाक भी लेना चाहती है। अक्षय के वकील एपी सिंह ने बताया कि दोषियों को उसी स्थिति में फांसी पर लटकाया जा सकता, जब उनके खिलाफ कोई याचिका लंबित ना हो। उन्होंने कहा कि जब अक्षय को फांसी देने के लिए अदालत ने डेथ वारंट जारी कर रखा तो उसकी पत्नी अपने अधिकारों के तहत किसी भी हालत में विधवा नहीं होना चाहती। इसलिए उसकी पत्नी से अक्षय से तलाक लेने के लिए बिहार के औरंगाबाद की जिला अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली के चर्चित निर्भया मामले में चार दोषियों विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च की सुबह में फांसी दी जानी है। इनमें बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर प्रखंड के लहंगकर्मा गांव का मूल निवासी अक्षय ठाकुर भी शामिल है। दोषियों के फांसी की सजा माफ कराने के तमाम कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं।