विविध भारत

निर्भया डॉक्यूमेंट्रीः उडविन को बिना जांच कैसे मिली इजाजत?

यदि कोई
भी विदेशी जेल में आना चाहता है तो उसके बैकग्राउंडस की जांच करने के बाद ही अनुमति
दी जाएगी

जयपुरMar 06, 2015 / 01:55 pm

सुनील शर्मा

नई दिल्ली। निर्भया डॉक्यूमेंट्री को लेकर उठे विवाद के बाद गृह मंत्रालय पर सवाल उठ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रिटिश फिल्ममेकर लेसली उडविन को जेल जाने की अनुमति मंजूरी देकर गृह मंत्रालय ने वर्ष 2012 में बनाए अपने ही नियम की अवहेलना की। वर्ष 2012 में जारी सर्कुलर के अनुसार जेल में बंद किसी भी भारतीय कै दी से मुलाकात करने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए बैकग्राउंड सिक्योरिटी चैक करना आवश्यक कर दिया गया था। निर्भया डॉक्यूमेंट्री मामले में इस नियम का पालन नहीं किया गया।

सरकारी सूत्रों के अनुसार भारतीय जेलों में फिल्ममेकर्स या विदेशी मीडिया के अलावा क्राइम रिसर्चस, विदेशी दूतावासों का स्टाफ, एनजीओ कार्यकर्ता आदि आते हैं। इनके साथ कोई अवांछित व्यक्ति जेलों में प्रवेश न कर जाए, इसी कारण एक गाइडलाइंस बनाई गई थी। इन्हीं गाइडलाइंस की एक शर्त थी कि यदि कोई भी विदेशी जेल में आना चाहता है तो उसके बैकग्राउंडस की जांच करने के बाद ही अनुमति दी जाएगी।

“समाज ही रेपिस्ट बनाता है” लेसली उडविन
निर्भया डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने के बाद लंदन चली गई फिल्ममेकर लेसली ने कहा कि समाज ही रेपिस्ट को सोच देता है। वही सिखाता है कि उसे क्या और कैसे सोचना है। लेसली ने मुकेश के इंटरव्यू पर प्रश्न करने वालों को मूर्ख और अशिक्षित बताते हुए डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण करने को सही ठहराया।

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