scriptडोकलाम में सेना के लिए हेलिपैड बना रहा है चीन, डिप्लोमैटिक तरीके से देंगे फिर मात- रक्षा मंत्री | Nirmala Sitaraman says in Loksabha China build helipad in Doklam area | Patrika News

डोकलाम में सेना के लिए हेलिपैड बना रहा है चीन, डिप्लोमैटिक तरीके से देंगे फिर मात- रक्षा मंत्री

Published: Mar 05, 2018 08:46:19 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

सैटेलाइट इमेज के जरिए ये पता चला है कि चीन ने डोकलाम में 7 हेलिपैड बनाने के साथ-साथ इस इलाके में टैंक और मिसाइल भी तैनात की हैं।

Nirmala Sitharaman

Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच एक फिर से डोकलाम को लेकर विवाद गहरा सकता है, क्योंकी चीन रह-रह कर डोकलाम में अपनी गतिविधियों से लगातार तनाव पैदा करने की स्थिति बना रहा है। सोमवार को ऐसी ही एक जानकारी भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है। रक्षा मंत्री ने बताया है कि चीन ने एक बार फिर से डोकलाम में अपने सैनिक तैनात कर दिए हैं और इतना ही नहीं चीन इस क्षेत्र में अपनी सेना के लिए हेलीपैड का निर्माण कर रहा है।
रक्षामंत्री ने दी हेलिपैड बनने की जानकारी
सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चीन ने वहां सेना के जवानों के लिए हेलीपैड और संतरी चौकियों का निर्माण किया है। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, ‘2017 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच बने रहे गतिरोध के समाप्त होने के बाद भी दोनों पक्षों के जवानों ने खुद को गतिरोध स्थल से दूर रखा था, लेकिन वहां फिर से तैनात कर दिया, दोनों पक्षों की संख्या कम हो गई है।’ उन्होंने कहा, ‘सर्दियों में भी ये सैनिक बने रहें, इसके लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने संतरी चौकियों, खंदकों और हेलीपैड समेत कुछ बुनियादी ढांचों का निर्माण किया है।’
सैटेलाइट इमेज से हेलिपैड का चला है पता
रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने पिछले सप्ताह ही अपने एक बयान में कहा था कि चीन के साथ भारत की सीमा पर हालात संवेदनशील हैं और इसके गहराने की आशंका है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बयान तब आया, जब उनसे पूछा गया कि सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि चीन ने डोकलाम में 7 हेलिपैड बनाने के साथ-साथ इस इलाके में टैंक और मिसाइल भी तैनात की हैं।
डिप्लोमैटिक माध्यमों से ही सुलझाएंगे सीमा विवाद!
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि चीन हो या पाकिस्तान सीमा से संबंधित मुद्दों को भारत की तरफ से नियमित तौर पर डिप्लोमैटिक माध्यमों से ही सुलझाने की कोशिश की गई है। आपको बता दें कि 16 जून को भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को विवादित क्षेत्र में सड़क निर्माण से रोका था। इसके बाद दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे रहे थे। यह विवाद 28 अगस्त को खत्म हुआ था।
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