जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बताया कि छात्र चाहते हैं कि एनआईटी शिफ्ट हो, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) को कश्मीर की घाटी से बाहर नहीं ले जाया जाएगा। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बताया कि छात्र चाहते हैं कि एनआईटी शिफ्ट हो, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं। एनआईटी श्रीनगर में झगड़ा कॉलेज के छात्रों का अंदरूनी झगड़ा है, इसे स्थानीय और बाहरी के झगड़े की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। राज्य में हर छात्र सुरक्षित है। कुछ छात्रों की समस्याएं थींए उन्हें केंद्र और राज्य का एचआरडी मंत्रालय देख रहा है।
इससे पहले महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्रा राजनाथ सिंह से मुलाकात की। हालांकि महबूबा ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। वहीं कहा जा रहा है कि मुलाकात के दौरान दोनों ने एनआईटी में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प की घटना के बाद पैदा हुए हालात और आतंकवाद के कारण पैदा हुई कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार गृहमंत्री ने महबूबा ने कहा है कि हालात जल्द सामान्य होने चाहिए। वहीं मुलाकात के बाद महबूबा ने पत्रकारों से कहा कि जहां तक एनआईटी परिसर को श्रीनगर से बाहर ले जाने की कुछ छात्रों की मांग का सवाल है तो मुझे स्पष्ट करने दीजिए कि यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी छात्र हमारे बच्चों जैसे हैं, उन्हें संरक्षण देना हमारी जिम्मेदारी है।
2000 बाहरी छात्रों ने छोड़ा एनआईटी
श्रीनगर एनआईटी विवाद के 12 दिन बाद करीब 2000 छात्रों ने कैम्पस छोड़ दिया है। इनमें राजस्थान के 280 बच्चे मंगलवार को जम्मू पहुंचे। वहां लंगर में खाना खाकर दिन काटा। प्रदेश के छात्र बुधवार को घर पहुंच जाएंगे। कुछ दिल्ली में प्रदर्शन में शामिल होंगे। इस बीच पुलिस ने एनआईटी में फंसे राज्य के छात्रों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।