कांत ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘बैंक-एंड टेक्नोलॉजी का सारा काम पूरा हो चुका है और संभवत: अगले तीन-चार महीनों में हम इसकी अंतिम परीक्षण करने की स्थिति में होंगे और यह परीक्षण रेल, मेट्रो, और बसों में किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इसके पीछे का विचार यह है कि स्मार्ट कार्ड से मुंबई में यात्रा करने वाला व्यक्ति उत्तर प्रदेश के दूरदराज इलाके में भी उसी कार्ड से यात्रा कर सके।
कृषि लोन के नाम पर हो रहा कंपनियों का भला! RBI के आंकड़े से खुली ‘किसान कल्याण’ की पोल? उन्होंने कहा, ‘यही कार्ड डेबिट या क्रेडिट कार्ड के रूप में भी काम करेगा।’ कांत ने कहा, ‘इस काम से कई एजेंसियां जु़ड़ी हैं, जिसमें सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग, बैंक और शहरी विकास मंत्रालय शामिल है। इसमें बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी का काम शामिल है। हमने कई दौर की बैठकें की हैं और सभी मंत्रालय इसमें शामिल है।’
जम्मू-कश्मीर पंचायत चुनावः नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब महबूबा की पीडीपी ने भी किया बहिष्कार इससे पहले नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि देश के प्रमुख नगरों में वायु की गुणवत्ता बदतर स्थिति में होने, जलवायु परिवर्तन की चिंता बढ़ने और तेल आयात बिल में काफी इजाफा होने से विकास के मामले में परिवहन क्षेत्र एक बड़ी उलझन है। साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था और लोगों की संभावनाओं की कुंजी भी है।