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J&K: राज्य सरकार ने कहा, घाटी में अखबारों पर ‘प्रतिबंध’ नहीं

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के सलाहकार अमिताभ मट्टू ने बताया कि कश्मीर घाटी में किसी भी अखबार पर कोई पाबंदी नहीं है

Jul 19, 2016 / 02:58 pm

सुनील शर्मा

Kashmir Voilence

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने पर भड़की हिंसा और प्रदर्शनों के बाद कश्मीर घाटी में सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदी के कारण मंगलवार को लगातार चौथे दिन भी किसी स्थानीय अखबार का प्रकाशन नहीं हुआ। सरकार ने आशा जताई कि बुधवार से अखबारों का प्रकाशन संभव है।

जम्मू-कश्मीर प्रेस संघ के अध्यक्ष गुलाम हसन कालू ने बताया कि श्रीनगर के उपायुक्त ने हमें सूचित किया है कि हम कल से अखबारों का प्रकाशन शुरू कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि कई अखबारों के वेब संस्करण अपडेट किये गये हैं लेकिन घाटी में आज लगातार चौथे दिन अखबार प्रकाशित नहीं हुए। इस बीच मुख्यमंत्री के सलाहकार अमिताभ मट्टू ने बताया कि कश्मीर घाटी में किसी भी अखबार पर कोई पाबंदी नहीं है। गौरतलब है कि पुलिस ने 15 और 16 जुलाई की दरम्यानी रात को विभिन्न अखबारों के कार्यालयों और छापाखानों में छापे मारकर उनक प्रतियां जब्त कर ली थी। इस दौरान दो सौ से अधिक अंग्रेजी और उर्दू के अखबारों की प्रतियां जब्त की गई थी।

अखबारों के प्रकाशन पर पाबंदी के बाद लोगों ने घाटी के बारे में सही खबर पता नहीं चल पाने का आरोप लगाया है। श्रीनगर के पत्रकारों ने अखबारों पर पाबंदी के खिलाफ गत रविवार को प्रेस कॉलोनी में धरना दिया था। घाटी में मोबाइल सेवा और इंटरनेट पर भी पाबंदी लगी हुई है जिस कारण मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए भी जानकारियां नहीं मिल पा रही हैं। लोग लैंडलाइन फोन के जरिये कश्मीर से बाहर रह रहे अपने परिचितों को जानकारी देकर सोशल मीडिया पर अवगत करा रहे हैं लेकिन कश्मीर में रह रहे लोग सोशल मीडिया से संपर्क नहीं साध पर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में भड़की हिंसा में अब तक 45 की मौत
जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा में घायल हुई एक महिला की आज मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़ कर 45 पहुंच गई है। इस हिंसा में 3500 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिसमें अधिकतर सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिणी कश्मीर में देवसर की ओर बढ रही सेना जब अनंतनाग जिले के चुराहाट काजीकुंड में अवरूद्ध सड़क को खोलने का प्रयास कर रही थी, प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव किया।

सुरक्षा बल की ओर से उन्हें दूरी बनाए रखने की चेतावनी दी गई लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बल जवानों से हथियार छीनने और वाहनों में आग लगाने का भी प्रयास किया। लगातार चेतावनी दिए जाने के बाद भी जब प्रदर्शनकारी नहीं हटे तो सुरक्षा बल के जवानों को उन्हें पीछे हटाने के लिए गोलीबारी करनी पड़ी।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में छह लोग घायल हो गए जिसमें से दो की बाद में मौत हो गई। मृतकों की पहचान शैकत अहमद यातू और सदा बेगम के रूप में की गई है। गौरतलब है कि गत नौ जुलाई को दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकरनाग में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। घटना के बाद से विभिन्न अलगाववादी संगठनों की ओर से बुलाए गये बंद को भी 22 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।

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