scriptसुप्रीम कोर्ट का आदेश: जगन्नाथ पुरी मंदिर में पुलिसकर्मी हथियार और जूतों के साथ प्रवेश ना करें | No Policeman Should Enter Puri Jagannath Temple With Weapons, Shoe: SC | Patrika News

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: जगन्नाथ पुरी मंदिर में पुलिसकर्मी हथियार और जूतों के साथ प्रवेश ना करें

locationनई दिल्लीPublished: Oct 10, 2018 03:15:13 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

सुप्रीम कोर्ट में जगन्नाथ मंदिर को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान ओडिशा सरकार ने बताया कि मंदिर में हुई हिंसा के मामले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

Temple

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: जगन्नाथ पुरी मंदिर में पुलिसकर्मी हथियार और जूते के साथ प्रवेश ना करें

नई दिल्‍ली। विश्व प्रसिद्ध ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में अब पुलिसकर्मी आम लोगों की तरह नजर आएंगे। बिना हथियार के वह मंदिर में दिखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर में हुई हिंसा के मामले पर बुधवार को कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी हथियार लेकर और जूते पहनकर मंदिर में एंट्री ना करे। सुप्रीम कोर्ट जगन्नाथ मंदिर को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान ओडिशा सरकार ने अदालत को बताया कि मंदिर में हुई हिंसा के मामले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब वहां स्थिति नियंत्रण में है। सरकार ने साथ ही जानकारी दी कि जगन्नाथ मंदिर के अंदर कोई हिंसा नहीं हुई थी। मंदिर प्रशासन के कार्यालय पर हमला कर उसमें तोड़फोड़ की गई थी। मामले में दखल की मांग करने वाले संगठन की तरफ से पेश हुए वकील ने पीठ से कहा कि हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी हथियारों के साथ जूते पहनकर मंदिर में घुसे थे। बता दें कि पिछली सुनवाई में अदालत ने पूछा था कि क्या किसी इंसान को दूसरे धर्म के पवित्र स्थल में प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है? वो भी जहां की मान्‍यता हो कि गैर धर्म का व्यक्ति धार्मिक स्थल में प्रवेश नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर का प्रशासन पुजारियों और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर ड्रेस कोड बनाये ताकि श्रद्धालुओं का शोषण न हो। कोर्ट ने ये भी कहा कि यह व्‍यवस्‍था केवल जगन्नाथ मंदिर में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे कुछ धार्मिक स्थलों में भी हो। जैसे मां कामाख्या मंदिर और कालीबाड़ी मंदिर आदि। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम को न्यायमित्र यानी एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए सुझाव मांगे थे।
बड़ी कामयाबी: डॉक्टर्स ने रचा इतिहास, भारत में पहली बार खोपड़ी का सफल प्रत्यारोपण

क्या है मामला?
जगन्नाथ पुरी मंदिर जाने वाले भक्तों के लिए कतार प्रणाली की शुरूआत के खिलाफ एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन ने तीन अक्टूबर को बंद बुलाया था। 12 घंटे के बंद के दौरान हिंसा हुई। इस हिंसा में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस द्वारा श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक को एहतियातन हिरासत में लिये जाने के बाद संगठन की ओर से आयोजित बंद हिंसक हो गया। मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि लाइन लगाकर दर्शन की व्यवस्था प्रायोग के तौर पर शुरू की गई थी और इसकी समीक्षा की जाएगी क्योंकि स्थानीय लोग और सेवादार इसका विरोध कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो