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समिति की रिपोर्ट के बावजूद नहीं होगा रेलवे का निजीकरण: सुरेश प्रभु

प्रभु ने कहा कि रेलवे भारत सरकार के ही नियंत्रण में रहेगी और सरकार ही इसका प्रबंधन करेगी, हम बदलाव चाहते हैं पर मालिकाना हक में नहीं।

May 03, 2015 / 11:49 pm

विकास गुप्ता

Suresh Prabhu

नई दिल्ली। सरकारी समिति की सिफारिश के बावजूद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के निजीकरण की बात को नकारा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बातें वो लोग कर रहे हैं जो रेलवे में किसी प्रकार का बदलाव नहीं चाहते । प्रभु ने कहा कि निजीकरण की धारणा भ्रामक संकेत देती है और इसमें किसी उद्यम का मालिकाना हक किसी दूसरी इकाई या प्रबंधन को हस्तांतरित करने का विचार होता है जो रेलवे में संभव नहीं है।

प्रभु ने कहा कि रेलवे भारत सरकार के ही नियंत्रण में रहेगी और सरकार ही इसका प्रबंधन करेगी, हम बदलाव चाहते हैं पर मालिकाना हक में नहीं। हम ऎसा बदलाव नहीं चाहते कि कोई रेलवे की मूल्यवान संपत्ति को चलाए। हम रेलवे के कामकाज में सुधार के लिए निजी निवेश या प्रौद्योगिकी चाहते हैं ताकि रेलवे और मूल्यवान बने।

सरकार द्वारा गठित बिबेक देवराय की अध्यक्षता वाली समिति ने घाटे में चल रही रेलवे के निगमीकरण की सिफारिश की है और सुझाव दिया है कि रेल मंत्रालय को केवल नीति निर्माण के लिये जिम्मेदार होना चाहिए और निजी कंपनियों को यात्री, माल ढुलाई का जिम्मा दिया जाना चाहिए। इन सुझावों पर जारी चर्चा के बीच प्रभु ने यह बात कही है।

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