जानकारी के मुताबिक, कोरोना के जो हॉटस्पॉट हैं उस पर सरकार की विशेष नजर रहेगी। कर्नाटक, केरल, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत तमाम राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि पूरे देश में कोविड-19 के हॉटस्पॉट के साथ विशेष ट्रीटमेंट की जरूरत है। ऐसे इलाकों में सोसायटियों आदि में जाकर बड़े पैमाने पर लोगों की स्क्रीनिंग कराने, संक्रमण के संदेहास्पद लोगों को घरेलू क्वारंटाइन सेंटर भेजने की सख्त जरूरत है। इसके लिए ऐसे क्षेत्रों में आवाजाही को पूरी तरह से बंद करके यहां लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाने पर जोर दिया जाएगा। खासकर, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्धान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। लिहाजा, इन राज्यों में राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की खास नजर रहेगी। इन राज्यों के कई इलाकों में लॉकडाउन-2 के दौरान कोई छूट नहीं दी जा सकती है।
इसके अलावा जिन जिलों में एक भी संक्रमित नहीं मिला है, उन्हें भी इससे महफूज रखने की जरूरत है। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की रहेगी। इसलिए राज्यों से लॉकडाउन फेस-2 का इस तरह से मॉडल तैयार करने को कहा जा रहा है कि उनके यहां संक्रमण और न फैले। जहां संक्रमण नहीं है, वहां लोगों को परेशानी न हो और जहां संक्रमण का फैलाव हुआ है, उसे नियंत्रित किया जा सके। इसमें किसी तरह की कोताही अच्छी नहीं होगी। इसलिए, लॉकडाउन-2 के दौरान उन इलाकों में कोई रियायत नहीं दी जाएगी, जहां कोरोना सबसे ज्याद कहर बरपा रहा है।