खुशखबर ! इतना सोना रखने पर नहीं लगेगा टैक्स
Published: Dec 01, 2016 06:09:00 pm
मंत्रालय ने कहा है कि घोषित आय या कृषि आय जैसी छूट वाली आय या घरेलू बचत से खरीदे गए सोने या पुश्तैनी सोना न तो वर्तमान कानून में कर के दायरे में है और न ही प्रस्तावित संशोधन में इसके दायरे में है
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि नोटबंदी के मद्देनजर बैंकों में जमा हो रही अघोषित आय पर ज्यादा कर और जुर्माना लगाने के उद्देश्य से आयकर कानून 1961 में संशोधन से पुश्तैनी सोने के साथ ही परिवार के पास मिले सोना पर कर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। नोटबंदी के मद्देनजर बैंकों में जमा हो रही अघोषित आय पर कर, जुर्माना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण उपकर लगाने के लिए आयकर कानून 1961 में किए गए संशोधन के मद्देनजर आयकर विभाग के छापे में मिले सोने पर भी 85 फीसदी कर वसूले जाने की खबरों पर वित्त मंत्रालय ने आज (गुरुवार) स्पष्टीकरण जारी किया।
मंत्रालय ने कहा है कि घोषित आय या कृषि आय जैसी छूट वाली आय या घरेलू बचत से खरीदे गए सोने या पुश्तैनी सोना न तो वर्तमान कानून में कर के दायरे में है और न ही प्रस्तावित संशोधन में इसके दायरे में है। विभाग ने एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि छापेमारी के दौरान एक परिवार की प्रत्येक महिला से मिले 500 ग्राम, अविवाहित लड़कियों से मिले 250 ग्राम और पुरुष के पास से मिले 100 ग्राम सोना जब्त नहीं किया जा सकता।
इसके साथ ही वैधानिक तरीके से कितनी भी मात्रा में पाया गया सोना पूरी तरह सुरक्षित है। उसने कहा कि इसके मद्देनजर यह आशंका जाताया जाना पूरी तरह आधारहीन है कि ज्ञात स्रोत से या छूट वाली आय से खरीदे गये आभूषण प्रस्तावित संशोधन से कर के दायरे में आ जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा कि लोकसभा से पारित एवं राज्यसभा के विचराधीन कराधान विधि (दूसरे संशोधन) विधेयक 2016 को लेकर कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि पुश्तैनी आभूषणों के साथ ही सभी आभूषणों पर 75 फीसदी कर के साथ उपकर और 10 फीसदी जुर्माना भी देना होगा। उसने कहा कि नए संशोधन में ऐसा कोई नया प्रावधान नहीं किया गया है जिसमें आभूषण पर कर लगता हो।
इस विधेयक में धारा 115बीबीई के तहत वर्तमान कर दर 30 फीसदी को बढ़ाकर 60 फीसदी के साथ ही 25 फीसदी अधिभार और उस पर उपकर लगाने प्रावधान है जो अघोषित आय तथा इस आय से संपत्तियों में निवेश पर लागू होगा। धारा 115 बीबीई के तहत सिर्फ अघोषित आय पर कर दर में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है क्योंकि ऐसी खबरें आ रही थीं कि कर चोरी करने वाले अघोषित आय को व्यापार से आय या दूसरे स्रोत से आय दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उसने कहा कि धारा 115 बीबीई मुख्य रूप से उन मामले में लागू होती है जहां संपत्ति या नकदी आदि मिलता है और उसे अघोषित नकदी या संपत्ति घोषित किया जाता है।