पार्षदों के पति ही देते हैं अफसरों को आदेश
उनका दावा था कि एमसीडी अफसरों से भी किसी काम के सिलसिले में बातचीत करने के लिए भी महिला पार्षदों के बजाय उनके पति ही सामने आते हैं। यही नहीं अफसरों को काम करने के लिए आदेश भी पार्षदों के पति ही जारी करते हैं। सदन में इस मुद्दे पर बढ़ते हंगामे को देख वहां मौजूद मेयर आदेश गुप्ता ने आदेश दिया कि आगे से सिर्फ महिला पार्षद को ही अधिकारियों को काम के लिए आदेश देने का अधिकार होगा। साथ ही एमसीडी अफसरों को भी हिदायत दी गई है कि वो उनके पतियों को नजरअंदाज करें।
ऑफिस से भी महिला पार्षद गायब
आपको बता दें कि इस हाउस मीटिंग के दौरान नरेला वॉर्ड की पार्षद ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने जोन की चेयरमैन व बेगमपुर वॉर्ड की पार्षद रीना देवी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षद वह है लेकिन उनके पति उनका काम करते हैं। उनका ये भी कहना है कि एमसीडी ने की तरफ से उन्हें जो ऑफिस अलॉट किया गया है, उसमें भी चेयरमैन की जगह उनके पति बैठते हैं। उनके अलावा कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन के पति पर भी यही आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के महिला पार्षदों में ये इकलौता उदहारण नहीं है, बल्कि सभी महिला पार्षदों के पति ही उनके ऑफिस में बैठते हैं और काम का संचालन करते हैं। बता दें कि सदन में इस मुद्दे को लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ।
मुद्दे पर मेयर का बयान
मामले बढ़ने पर मेयर ने कहा बात बेहद संवेदनशील हैं। उन्होंने आगे कहा कि चुने गए जनप्रतिनिधियों के अलावा एमसीडी अफसर किसी भी महिला पार्षद के पति के आदेश पर काम न करें और उनको उपलब्ध कराए गए ऑफिस में भी उनके अलावा कोई नहीं बैठ सकता।