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सीमा पर एक या दो नहीं, सैंकड़ों गांव बसा रहा चीन, जानिए क्या हो सकती है वजह

Highlights.
– चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से सटे अपने क्षेत्र में गांव बसा रहा है- भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ये गांव भारत के लिए चिंता का सबब हो सकते हैं- चीन यह सब योजनाबद्ध तरीके से कर रहा है और रणनीति के तहत इसे अंजाम दिया जा रहा
 

Feb 19, 2021 / 12:16 pm

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
भारत और चीन के बाद सीमा का विवाद आज का नही है। चीन सीमा पर अपनी साजिशें करीब 1960 से करता आ रहा है। 1962 में युद्ध भी हुआ। हालांकि, पिछले साल लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच जो खूनी संघर्ष हुआ वह सभी जानते हैं। इसमें दोनों तरफ के सैनिक भी मारे गए, मगर चीन हमेशा इससे इनकार करता रहा है। मगर काफी फजीहत के बाद पहली बार उसने माना है कि इस संघर्ष में उसके चार सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि, सभी जानते हैं कि यह सच्चाई नहीं है।
चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से सटे अपने क्षेत्र में गांव बसा रहा है। वह भी एक या दो नहीं बल्कि, इसकी संख्या सैंकड़ों में है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो ये गांव भारत के लिए चिंता का सबब हो सकते हैं। यह भी माना जा रहा है कि चीन यह सब योजनाबद्ध तरीके से कर रहा है और रणनीति के तहत इसे अंजाम दिया जा रहा है। इससे उस क्षेत्र की भूमि पर भारत का दावा कमजोर होता जाएगा।
बता दें कि यह वहीं क्षेत्र है, जिसे 1962 के युद्ध के दौरान चीन ने हड़प लिया था। हालांकि, चीन इस पर अपनी दलीलें भी देता रहा है। चीन का कहना है कि वह अपने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जियाओकांग सीमा ग्राम कार्यक्रम के तहत ये मॉडल गांव बसा रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 19वीं पार्टी कांग्रेस सम्मेलन के मौके पर दिए गए अपने भाषण में भी इस कार्यक्रम का जिक्र किया था। वैसे यह सम्मेलन पिछले साल भारत और चीन के बीच डोकलाम में हुए विवाद के बाद रखा गया था। इसलिए यह भी माना जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से एक रणनीति के तहत किया था। इसके तहत, इन क्षेत्रों को सीमा क्षेत्र और अल्पसंख्यक जैसे नाम से पुकारा गया और यहां सुरक्षा तथा स्थायित्व तय करने के लिए विकास में तेजी लाए जाने का वादा किया।

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