मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को दोनों नेताओं को नोटिस जारी किए जाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, इस मामले को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि जम्मू कश्मीर लेजिसलेचर पेंशन एक्ट 1984 के तहत ही राज्य में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवासीय सुविधा का प्रावधान है। इसी कानून के तहत पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को भी सरकारी बंगला प्राप्त था,लेकिन उन्होंने उसे पहले ही खाली कर दिया था।
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को सरकारी आवासीय सुविधा श्रीनगर के सबसे पाॅश कहे जाने वाले गुपकार रोड पर प्रदान की गई है। फिलहाल, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के करीबियों ने सरकारी आवास खाली करने के नोटिस की प्राप्ति की पुष्टि नहीं की है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से दोनों नेता नजरबंद हैं और शर्त के साथ रिहाई के लिए दोनों ने इनकार कर दिया है।