532 सैनिकों की बनाई जाएगी बटालियन
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, सरकार भारतीय सेना और नौ अधिकारियों और 29 जेसीओ सहित ‘गंगा टास्क फोर्स’ नामक 532 पूर्व सैनिकों की बटालियन बना रही है। ये बटालियन इलाहाबाद, वाराणसी और कानपुर में तैनात किए जाएंगे। शुरुआत में 200 सैनिकों को काम पर लगाया जाएगा, जिनकी ट्रेनिंग इलाहाबाद में चल रही है। गंगा टास्क फोर्स के लिए पर्यवेक्षकों की यह सेना गंगा की साफ-सफाई और रक्षा करेगी साथ ही लोगों को गंगा में कचरा न फेंकने के लिए भी उत्साहित करेगी। सभी पर्यवेक्षक गंगा के प्रमुख घाटों पर गश्त कर लोगों को जागरूक करेंगे। वे इस काम में तीन साल तक लगे रहेंगे।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, सरकार भारतीय सेना और नौ अधिकारियों और 29 जेसीओ सहित ‘गंगा टास्क फोर्स’ नामक 532 पूर्व सैनिकों की बटालियन बना रही है। ये बटालियन इलाहाबाद, वाराणसी और कानपुर में तैनात किए जाएंगे। शुरुआत में 200 सैनिकों को काम पर लगाया जाएगा, जिनकी ट्रेनिंग इलाहाबाद में चल रही है। गंगा टास्क फोर्स के लिए पर्यवेक्षकों की यह सेना गंगा की साफ-सफाई और रक्षा करेगी साथ ही लोगों को गंगा में कचरा न फेंकने के लिए भी उत्साहित करेगी। सभी पर्यवेक्षक गंगा के प्रमुख घाटों पर गश्त कर लोगों को जागरूक करेंगे। वे इस काम में तीन साल तक लगे रहेंगे।
ऐसे की जाएगी गंगा की सफाई
स्वच्छ गंगा परियोजना के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा का कहना है, ‘इस बटालियन में जवानों की नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की जाएगी। इस प्रक्रिया को गंगा के जल को निर्मल बनाने के अभियान में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के तौर पर भी देखा जा सकता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘सेना के जवान गंगा के तटों पर वृक्षारोपण, भूमि के कटाव, कचरा डालने पर निगरानी और गंगा की स्वच्छता के लिए जनसहभागिता बढ़ाने का काम भी करेंगे. इसके साथ ही वे गंगा में जैव विविधता और प्रदूषण के स्तर पर भी नजर रखेंगे।
स्वच्छ गंगा परियोजना के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा का कहना है, ‘इस बटालियन में जवानों की नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की जाएगी। इस प्रक्रिया को गंगा के जल को निर्मल बनाने के अभियान में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के तौर पर भी देखा जा सकता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘सेना के जवान गंगा के तटों पर वृक्षारोपण, भूमि के कटाव, कचरा डालने पर निगरानी और गंगा की स्वच्छता के लिए जनसहभागिता बढ़ाने का काम भी करेंगे. इसके साथ ही वे गंगा में जैव विविधता और प्रदूषण के स्तर पर भी नजर रखेंगे।