scriptअब मद्रास, कलकत्ता और बंबई HC का बदल जाएगा नाम, सरकार लाएगी नया विधेयक! | Now Madras, Calcutta and Bombay HC will be replaced by name, government will bring new bill | Patrika News

अब मद्रास, कलकत्ता और बंबई HC का बदल जाएगा नाम, सरकार लाएगी नया विधेयक!

locationनई दिल्लीPublished: Nov 18, 2018 08:25:53 pm

Submitted by:

Anil Kumar

अब मद्रास, कलकत्ता और बंबई के ऐतिहासिक उच्च न्यायालयों के नाम परिवर्तित को लेकर सरकार विधेयक लाने वाली है।

अब मद्रास, कलकत्ता और बंबई HC का बदल जाएगा नाम, सरकार लाएगी नया विधेयक!

अब मद्रास, कलकत्ता और बंबई HC का बदल जाएगा नाम, सरकार लाएगी नया विधेयक!

नई दिल्ली। देश में अलग-अलग जगहों के नाम बदलने को लेकर इन दिनों सियासत तेज हो गई है। जहां एक और भाजपा सरकार उन तमाम स्थानों और जगहों के नाम बदल रही है जिसका संबंध मुगलकाल से है या फिर कथित तौर पर गुलामी का प्रतिक है। जबकि विपक्ष इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार विकास करने में नाकाम रही है इसलिए अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए नाम बदलने का सहारा ले रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इलाहाबाद, मुगलसराय और फैजाबाद का नाम बदलने के साथ ही देशभर के कई शहरों और जगहों के नाम बदलने की मांग उठने लगी है। इस बीच अब मद्रास, कलकत्ता और बंबई के ऐतिहासिक उच्च न्यायालयों के नाम परिवर्तित को लेकर भी सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। लोगों ने मांग की है कि इन अदालतों के नाम अभी भी पुराने हैं, जबकि शहरों के नाम बदल चुके हैं। इसलिए इनके भी नाम बदले जाएं। हालांकि मद्रास, कलकत्ता और बंबई के ऐतिहासिक उच्च न्यायालयों के नाम परिवर्तित करने पर केंद्रित एक विधेयक मुश्किलों में घिर गया है और अब ऐसा करने के लिए संसद में नया विधेयक लाना होगा।

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केंद्र सरकार ने इस बाबत कोर्ट से मांगा सुझाव

आपको बता दें कि 19 जुलाई, 2016 को लोकसभा में उच्च न्यायालय (नामों में बदलाव) विधेयक, 2016 पेश किया गया था। जिसमें कलकत्ता, मद्रास और बंबई उच्च न्यायालयों के नाम क्रमश: कोलकाता, चेन्नई और मुम्बई उच्च न्यायालय करने बात कही गई थी।। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से मद्रास उच्च न्यायालय का नाम ‘चेन्नई उच्च न्यायालय’ जैसा कि विधेयक में प्रस्तावित है, के बजाए ‘तमिलनाडु उच्च न्यायालय’ करने का आग्रह किया है। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट का नाम कोलकाता हाईकोर्ट करने के पक्ष में है। लेकिन हाईकोर्ट खुद इसको लेकर तैयार नहीं है। इस बाबत लोकसभा में केंद्रीय कानून राज्यमंत्री पी पी चौधरी एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए बताया था कि पुराना विधेयक संशोधित करना होगा और नया विधेयक पेश करना होगा। इस बाबत केंद्र सरकार ने नए विधेयक को अंतिम रूप देने के लिए संबंधित राज्यों एवं उच्च न्यायालयों का विचार मांगा है। कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि इस विधेयक को अंतिम रुप देने और उसे सदन में पेश करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है और न हीं 11 दिसंबर से शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र में पेश करने की कोई संभावना है।

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