ड्राफ्ट से बाहर के लोगों की सत्यापन प्रक्रिया चल रही
एनआरसी के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने ड्राफ्ट से बाहर लोगों को किसी प्रकार की चिंता न करने की सलाह देते हुए कहा कि जिनका नाम पहले ड्राफ्ट में नहीं है, उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्यापन की प्रक्रिया अभी भी जारी है और सत्यापन के बाद फिर अगला ड्राफ्ट भी जारी किया जाएगा। प्रतीक हजेला ने बताया कि सत्यापन की प्रक्रिया काफी जटिल है,इसलिए यह सम्भव है कि एक परिवार के ही कुछ सदस्यों का सत्यापन ना हो पाया हो लेकिन बाकी सदस्यों का नाम पहले ड्राफ्ट में आ गया हो। उन्होंने किसी भी प्रकार से भयभीत ना होने की सलाह दी है।
2018 के अंत तक सभी ड्राफ्ट होंगे जारी
अगले ड्राफ्ट के जारी होने की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि यह सुप्रीमकोर्ट के दिशा-निर्देशों पर निर्भर करता है जिसकी देखरेख में यह पूरी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया के 2018 तक पूरी हो जाने की उम्मीद जताई है। उन्होंने बताया कि सभी लोग राज्य भर में एनआरसी के सेवा केंद्र पर अपने नाम को ड्राफ्ट में शामिल होने या ना होने की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा एसएसएस और हेल्पलाईन नंबर की सहायता से प्राप्त कर सकते हैं। असम के लोगों के लिए टोल फ्री नंबर 15107 और असम से बाहर के लोगों के लिए 18003453762 है।
अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बेहतर प्रबंध किए गए थे। पहली सूची जारी होने के बाद तनाव की आशंका को देखते हुए संनेदनशील इलाकों पर खासतौर पर निगरानी का जा रही है। मुख्यमंत्री सर्वांनंद सोनेवाल ने अपील की है कि जिन लोगों के नाम पहली सूची में शामिल नहीं किए गए हैं,उन्हें किसी भी बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री सोनेवाल ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार दो और ड्राफ्ट जारी किए जाएंगे जिसमें सत्यापन के बाद उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले ड्राफ्ट में किंही कारणों से शामिल नहीं किया जा सका है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।
2005 से सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में जारी है प्रक्रिया
जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रक्रिया केंद्र और राज्य सरकार और ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) के बीच कई बैठक होने के बाद 2005 में जारी एक आदेश के बाद शुरू हुई है। इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख सुप्रीमकोर्ट कर रहा है और उसने 31 दिसंबर तर पहले ड्राफ्ट को जारी करने के आदेश दिए थे।