scriptनिर्भया केसः परिजनों को चेहरा नहीं दिखाना चाहते दोषी, 24 घंटे बाद भी नहीं बताई अंतिम इच्छा | Nribhaya Convicts do not want show face to relatives | Patrika News

निर्भया केसः परिजनों को चेहरा नहीं दिखाना चाहते दोषी, 24 घंटे बाद भी नहीं बताई अंतिम इच्छा

locationनई दिल्लीPublished: Jan 24, 2020 10:34:21 am

Nirbhaya Case दोषियों को सता रहा मौत का डर
फांसी में बचा है एक हफ्ता, परिजनों से नहीं मिलना चाहते दोषी
24 घंटे बाद भी नहीं बता रहे अपनी अंतिम इच्छा

nirbhaya case

निर्भया गैंगरेप के चारों दोषी

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस ( Nirbhaya Gangrape Case ) के चारों दोषियों ( convicts ) की फांसी ( Hang ) में अब एक हफ्ते का समय बचा है। जैसे-जैसे फांसी का दिन पास आ रहा है चारों दोषियों की बैचेनी भी बढ़ती जा रही है। चारों दोषियों को अपनी मौत का खौफ सता रहा है। यही वजह है कि उनके व्यवहार में भी तेजी से बदलाव देखा जा रहा है।
तिहाड़ जेल ( Tihar Jail ) के सूत्रों की मानें तो चारों दोषी अब किसी से बात नहीं कर रहे हैं। हालांकि अपने व्यवहार को लेकर उन्होंने एक बार क्यूरेटिव पिटिशन ( Curative Petition ) दायर करने की तैयारी की है, लेकिन इस बीच उन्होंने जेल में किसी से भी बातचीत नहीं की है।
फिर लौट रही है शीतलहर, मौसम विभाग ने जारी किया इन राज्यों के लिए अलर्ट

चारों दोषी अपने गुनाहों के बोझ तले इतने दब चुके हैं कि अब उनका मन परिजनों से बातचीत करने को भी नहीं कर रहा है। सूत्रों की मानें तो निर्भया के दोषी अपने घर वालों को अपना चेहरा ही नहीं दिखाना चाहते हैं।
जैसे-जैसे फांसी के दिन नजदीक आ रहे हैं चारों दोषियों के चेहरे पर शिकन भी बढ़ने लगी है।

24 घंटे बीत गए, नहीं बताई अंतिम इच्छा
जेल मैन्युअल के मुताबिक, मौत की सजा पाए कैदियों को फांसी दिए जाने से पहले उनकी अंतिम इच्छा के बारे में पूछा जाता है।

निर्भया के दोषियों से भी उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई है लेकिन उन्होंने अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं दिया है।
संपत्ति को लेकर भी कोई बात नहीं की
निर्भया गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को अब तक इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है कि वे आखिरी बार अपने परिवार से कब मिलना चाहते हैं और अपनी संपत्ति किसके नाम करना चाहते हैं।
चारों दोषियों-विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता को जेल नंबर तीन में एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है। चारों दोषी जेल नंबर तीन की अलग-अलग काल कोठरियों में बंद हैं।
आखिरी इच्छा में ये पूछा
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों से पूछा गया कि वे आखिरी बार अपने-अपने परिवारों से कब मिलना चाहेंगे और यदि वे मिलना चाहते हैं तो किससे मिलना चाहेंगे, लेकिन अभी तक किसी ने भी जवाब नहीं दिया है।
परिजनों से मिलने की अंतिम तारीख तय नहीं
अधिकारी ने बताया कि दोषियों से यह भी पूछा गया कि क्या वे कोई वसीयत तैयार करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने इसका भी कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा, चारों दोषियों के परिवारों को सप्ताह में दो बार उनसे मिलने की अनुमति दी जाती है, लेकिन अंतिम मुलाकात की तारीख तय नहीं हुई है क्योंकि उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो