scriptNSA अजीत डोभाल ने कहा- दुश्‍मनों को मात देने के लिए वार टेक्‍नोलॉजी में सबको छोड़ना होगा पीछे | NSA Ajit Doval said beat enemies lead Fifth generation war technology | Patrika News

NSA अजीत डोभाल ने कहा- दुश्‍मनों को मात देने के लिए वार टेक्‍नोलॉजी में सबको छोड़ना होगा पीछे

locationनई दिल्लीPublished: Oct 15, 2019 12:17:30 pm

Submitted by:

Dhirendra

डीआरडीओ की 41वीं कॉन्‍फ्रेंस में अजीत डोभाल का बयान
रक्षा तैयारी के मामले में भारत पहले से बेहतर स्थिति में
रक्षा जरूरतों के हिसाब से हासिल करने होंगे वार टेक्‍नोलॉजी

nsa-doval.jpg
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की 41वीं कांफ्रेंस में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि तकनीक और पैसा दो ऐसी चीजें हैं जिसके दम पर पूरी दुनिया पर प्रभाव छोड़ा जा सकता है। इसके दम पर दुनिया के सभी समीकरणों को अपने हिसाब से बदला जा सकता है।
हम लोग तकनीक के दम पर न केवल देश की नई पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं बल्कि आज भारत पहले से ज्‍यादा सुरक्षित है। 

https://twitter.com/ANI/status/1183972024399454208?ref_src=twsrc%5Etfw
डीआरडीओ की 41वीं कॉन्‍फ्रेंस में अजीत डोभाल ने कहा कि रक्षा जरूरतों के हिसाब से बेहतर तकनीक हमारे पास होनी चाहिए। इस बात के लिए हमें अपनी रक्षा सेवाओं और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर तैयारियों का गंभीरता के साथ आकलन करना होगा। दुश्‍मन देश पर दबाव बनाए रखने के लिए रक्षा जरूरतों को तय करना होगा।
उन्‍होंने सैन्‍य अधिकारियों व रक्षा विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि हमेशा से तकनीक और पैसे की ताकतों ने ही मानज जाति की नियत का निर्धारण किया है। इतिहास गवाह है कि हमेशा विजेता वहीं हुए हैं जिनके पास उच्च प्रौद्योगिकी थी।
इस मामले में भारत का अनुभव अच्‍छा नहीं है। हम उपविजेता रहे हैं। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि रनर अप के लिए कोई ट्रॉफी नहीं है। जीत उसे मिलती है जो जीत हासिल करने के लिए सबसे बेहतर प्रदर्शन करता है।
https://twitter.com/ANI/status/1183974994608414720?ref_src=twsrc%5Etfw
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि डीआरडीओ ने इस चीज को सुनिश्चित करने की कोशिश की है सेवाओं की आवश्यकताओं को घरेलू समाधानों के माध्यम से पूरा किया जाए। हमें विश्वास है कि हम स्वदेशी हथियार प्रणालियों और उपकरणों के जरिए अगला युद्ध लड़ेंगे और जीतेंगे। हम भविष्य के युद्ध के लिए प्रणालियों को देख रहे हैं। हमें साइबर, स्पेस, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक, रोबोटिक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को देखना शुरू करना होगा।
डीआरडीओ कॉन्‍फ्रेंस में नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि मेरे पास तीन सुझाव है। पहला हमारे पास आक्रामक वाली आला तकनीक होनी चाहिए। दूसरा हमें अमरीका के डीएआरपीए जैसे मॉडलों पर करीब से नजर डालनी चाहिए। तीसरा- छोटे आविष्कारों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो