कई नई विशेषताओं से युक्त रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण उपयोगकर्ता प्रशिक्षण अभ्यास के भाग के रूप में किया गया है। उन्होंने परीक्षण को ‘पूर्ण सफल’ करार देते हुए कहा कि परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए। बता दें कि मिसाइल में उड़ान की गड़बड़ी को खुद सही करने और मार्गदर्शन करने जैसी कई नई विशेषताएं हैं। यह अत्याधुनिक एविओनिक्स, 5वीं पीढ़ी के ऑनबोर्ड कंप्यूटर और वितरित वास्तुकला से युक्त है।
मिसाइल की खासियत बता दें कि मिसाइल 20 मीटर लंबी, डेढ़ मीटर चौड़ी और 17 टन वजन वाली है। यह अपने साथ एक किलो तक के विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। वहीं, यह अपने साथ एक किलो तक के विस्फोटक भी ले जा सकता है। इसकी मारक क्षमता 3500 से 4000 किलोमीटर की दूरी तक है। इसका पहला सफल परीक्षण 11 दिसंबर, 2010 को किया गया था। वहीं, अग्नि-4 मिसाइल का यह सातवां परीक्षण था। इससे पहले भारतीय सेना की सामरिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा इसी स्थान से दो जनवरी 2018 को इसका सफल परीक्षण किया गया था।