वासुकी ने कहा कि तलाशी अभियान अब अलप्पुझा क्षेत्र में किए जाएंगे क्योंकि नौकाओं की ईधन खत्म हो गई है। वे हवा की दिशा के अनुसार, पानी में बहती जाएंगी इसलिए अलप्पुझा में तलाशी अभियान पर
ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने के संबंध में कड़े निर्देश दिए गए हैं।
अपने गांव के दर्जनों मछुआरों का पता नहीं लगने से पून्थुरा के गुस्साए मछुआरों ने राजधानी के पास के एक तटीय गांव में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। वहीं इस संकट की घड़ी से उबरने के लिए पून्थुरा सेंट थॉमस चर्च में विशेष प्रार्थना आयोजित की गई।
एक लापता मछुआरे की पत्नी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से पति गेराल्ड से कोई संपर्क नहीं हुआ है। हमें किसी से कोई सूचना नहीं मिली है। लापता लोगों के परिवारजनों ने अपने प्रियजनों की तस्वीरें मीडिया को दिखानी शुरू कर दी है, ताकि अगर वह राज्य के दूसरे हिस्से में देखे जाते हैं, तो उन्हें सूचना मिल जाए।
वहीं शनिवार सुबह गहरे समुद्र में बारिश और तेज हवाओं में कमी आने की खबर है। जिन लोगों को शुक्रवार को तूफान से बचाया गया, उनमें से 40 मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सीय निगरानी में हैं और अन्य 28 जनरल अस्पताल में हैं। आपको बता दें कि इस तूफान की चपेट में आने से अब तक 12 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है।
कन्याकुमारी में बाढ़ जैसे हालात
वहीं मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में बारिश के कम होने के आसार जताए हैं, लेकिन अभी भी कन्याकुमारी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। हालात से निपटने के लिए सेना की ओर से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।