‘डॉक्टर कहे तो 24 सप्ताह की गर्भवती करा सकती है अबॉर्शन’
Published: Jul 29, 2015 08:22:00 am
कोर्ट ने यह फैसला गुजरात की एक 14 वर्षीय रेप पीडिता के गर्भपात कराने की अनुमति देेने की अपील पर दिया है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऎतिहासिक फैसले के जरिए गर्भपात के मामले में एक नई राह दिखाई है। सर्वोच्च अदालत ने कहाकि यदि डॉक्टर अनुमति दें तो 24 सप्ताह यानि लगभग छह महीने की गर्भवती लड़की गर्भपात करा सकती है। कोर्ट ने यह फैसला गुजरात की एक 14 वर्षीय रेप पीडिता के गर्भपात कराने की अनुमति देने की अपील पर दिया है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह गुजरात हाईकोर्ट ने प्रेगनेंसी एक्ट का हवाला देते हुए गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
जस्टिस अनिल आर दवे और कुरियन जोसेफ की बैंच ने कहाकि, हमारे दिमाग में लड़की के हित का मुद्दा है लेकिन हम यह भी जानते हैं कि उसके अंदर एक जिं दगी भी है। हम उसके लिए कुछ करना चाहते हैं और इसलिए हम उसके लिए नया रास्ता निकालने का इरादा रखते हैं। डॉक्टर और साइकोलॉजिस्ट की टीम यह निण् ाüय लेगी कि गर्भपात लड़की की जिदंगी के लिए जरूरी है या नहीं। यदि उन्हें ऎसा लगता है तो फिर गर्भपात किया जाना चाहिए। इस मामले में लड़की की मानसिक स्थिति का भी अवलोकन किया जाएगा।
बैंच ने साथ ही कहाकि, इस पैनल में उस डॉक्टर को भी शामिल किया जाएगा जिसने 25 जुलाई को बताया था कि प्रेगनेंसी से लड़की को गंभीर नुकसान हो सकता है। इनके अलावा अहमदाबाद सिविल अस्पताल के तीन सीनियर स्त्रीरोग विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। हालांकि कोर्ट ने कहाकि वह गर्भपात कराने का आदेश जारी नहीं कर सकते क्योंकि यह कानून का उल्लंघन होगा।
डॉक्टर ने किया था रेप10वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की से उसके डॉक्टर से फरवरी में दुष्कर्म किया था। वह टायफायड का इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने दुष्कर्म के बाद दर्द कम करने की दवा दे दी और इस बारे में किसी को बताने पर धमकाया। लड़की ने जब पेटदर्द की शिकायत की और घरवाले डॉक्टर को दिखाने ले गए तो सारा मामला खुला।