scriptविलुप्त सरस्वती नदी को खोजने में ओएनजीसी करेगी मदद | ONGC will help in discovering extinct Saraswati river | Patrika News

विलुप्त सरस्वती नदी को खोजने में ओएनजीसी करेगी मदद

Published: Jul 20, 2017 08:53:00 pm

Submitted by:

Iftekhar

यमुनानगर जिले के आदि बदरी को सरस्वती नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरस्वती नदी के मार्ग पर सिर्फ दस कुएं नहीं, बल्कि 100 कुएं खोदने की जरूरत पड़ेगी तो उसके लिए भी आगे काम किया जाएगा। 

saraswati river

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नई दिल्ली: विलुप्त नदी सरस्वती को खोजने के लिए एक बार फिर प्रयास तेज कर दिए गए हैं। हरियाणा सरकार ने ओएनजीसी और सार्वजनिक क्षेत्र की एक कंपनी वाप्कोस के साथ समझौता किया है। बृहस्पतिवार को हुए इस समझौते के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित थे। समझौते के तहत ओएनजीसी और वाप्कोस मिलकर कुएं खोदेंगे ताकि सही तरीके से पता चल सके कि नदी बह रही है या नहीं। 

100 कुएं खोदने की पड़ेगी जरूरत
मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि इसरो और नासा की सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि विलुप्त सरस्वती नदी के मार्ग में अभी भी अंडरग्राउंड करंट है। इसलिए यमुनानगर जिले के आदि बदरी को सरस्वती नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरस्वती नदी के मार्ग पर सिर्फ दस कुएं नहीं, बल्कि 100 कुएं खोदने की जरूरत पड़ेगी तो उसके लिए भी आगे काम किया जाएगा। 

2002 में ओएनजीसी शुरू किया था काम
ओएनजीसी ने साल 2002 से ही सरस्वती नदी को खोजने का काम शुरू कर दिया था। उस समय जैसलमेर जिले के एक स्थान पर कुआं खोदा गया था। लेकिन सरस्वती नदी कहां से निकल रही है इसके सही उद्गम स्थल का पता नहीं चल पाया।
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