इस समय नौकरी के लिए उम्मीदवारों को कई परीक्षाओं में बैठना पड़ता है और अलग-अलग एजेंसियां ये परीक्षाएं आयोजित करती हैं। साथ ही उम्मीदवार को बार-बार फीस देनी पड़ती है और कई बार इन परीक्षाओं में बैठने के लिए लंबी यात्रा भी करनी होती है।
यह परीक्षा शुरू हो जाने के बाद केंद्र सरकार के ग्रुप बी और सी के लिए उम्मीदवारों की छंटनी (शॉर्ट लिस्टिंग) सीईटी से ही होगी। एनआरए की ओर से यह कॉमन एलिजिबलिटी टेस्ट (सीईटी) तीन स्तर पर आयोजित होंगी। 10वीं पास, 12वीं पास और स्नातक के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होंगी।
अभी गैर तकनीकी पदों के लिए एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन की ओर से आयोजित होने वाली पहले चरण की परीक्षाओं की जगह नई सीईटी परीक्षा ले लेगी। सीईटी के आधार पर ही दूसरे और तीसरे चरण की परीक्षाएं आयोजित की जा सकेंगी। लेकिन इस परीक्षा की मदद से स्पेशलाइज्ड परीक्षाओं में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या घट कर 5 प्रतिशत रह जाएगी।
केंद्र सरकार के मुताबिक विभिन्न भारतीय भाषाओं में एक समान पाठ्यक्रम हो और उनमें कठिनाई का स्तर भी समान हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। इस परीक्षा का स्कोर तीन साल तक मान्य रहेगा। इस दौरान अगर कोई उम्मीदवार एक से ज्यादा बार परीक्षा देता है तो सबसे अच्छे नतीजे को ही माना जाएगा।
उम्मीदवार जितनी बार चाहें यह परीक्षा दे सकेंगे। हालांकि उन्हें अधिकतम उम्र सीमा का पालन करना होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक पिछड़े वर्ग के लोगों को उम्र सीमा में छूट मिलती रहेगी।
इस परीक्षा के शुरू होने से चयन प्रक्रिया में लगने वाला समय कम हो जाएगा। एक हजार केंद्रों पर इसकी परीक्षा होगी और हर जिले में कम से कम एक केंद्र जरूर होगा। शुरुआती चरण में साल में दो बार सीईटी आयोजित की जाएगी। उम्मीदवार अपनी इच्छा के अनुसार परीक्षा केंद्र और तारीख चुन सकेंगे।
प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में भी मिलेगी मदद उम्मीदवारों को रोजगार मिलने में आसानी हो इसके लिए सीईटी के नतीजे केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्रशासित प्रदेश और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ ही निजी सेक्टर के साथ भी शेयर किए जा सकेंगे।
अधिकांश काम होगा ऑनलाइन इस परीक्षा के लिए आवेदन, रजिस्ट्रेशन, रॉल नंबर व एडमिट कार्ड का आवंटन, अंकों की घोषणा आदि ऑनलाइन ही होगी। परीक्षा में बहुविकल्प वाले वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। छात्रों को लाभ