इसे लेकर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर कई विपक्षी नेताओं से वार्ता की। ताकि संयुक्त कार्रवाई की जा सके। सूत्रों के अनुसार विपक्षी दल संसद सत्र शुरू होने से पहले इस मामले में मुलाकात कर सकते हैं।
उधर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आपसे नहीं होता तो हम कानून पर रोक लगा देते हैं। ऐसा 73 सालों में किसी सरकार के साथ नहीं हुआ होगा। उन्होंने कहा, “पीएम को देश और किसानों से माफी मांगनी चाहिए और तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा करनी चाहिए। देश के किसानों को इससे कम कुछ नहीं चाहिए।”
गौरतलब है कि मोदी सरकार के नए कृषि सुधार कानूनों (New Farm Laws) की वापसी की मांग को लेकर किसानों आंदोलन को 47 दिन हो चुके हैं। नए कृषि कानून रद्द करने सहित किसान आंदोलन से जुड़ी दूसरी अर्जियों पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एसए बोबडे (CJI SA Bobde) ने सरकार से कहा कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है,उससे हम निराश हैं। हमें नहीं पता कि सरकार की किसानों से क्या बातचीत चल रही है। सीजेआई ने सरकार से दो टूक का कहा कि आप कृषि कानूनों पर रोक लगाएंगे या हम कदम उठाएं? शीर्ष अदालत ने सरकार से कमेटी बनाने के लिए नाम भी मांगे हैं।