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अयोध्या विवाद: ओवैसी ने किया SC के फैसले का स्वागत, लेकिन श्री श्री रविशंकर पर जताया ऐतराज

locationनई दिल्लीPublished: Mar 08, 2019 02:56:01 pm

Submitted by:

Shweta Singh

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले का स्वागत किया
श्री श्री रविशंकर पर ओवैसी ने आपत्ति जताई
भाजपा नेता उमा भारती ने कहा मंदिर ही बनेगा

असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)

असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जस्टिस खलीफुल्ला की अगुवाई में एक पैनल गठित किया है, जिसमें तीन लोगों को रखा है। इसके साथ ही कोर्ट ने पैनल से चार सप्ताह के भीतर जानकारी देने को कहा है। वहीं, मामले की पूरी रिपोर्ट 8 हफ्ते के भीतर मांगी है। पैनल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और श्री राम पांचु को भी जगह दी गई है। इस फैसले पर विभिन्न पक्षों एवं राजनीतिक व धार्मिक संगठनों की ओर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी क्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी फैसले पर टिप्पणी करते हुए इसका स्वागत किया है।

श्री श्री रविशंकर पर ओवैसी को आपत्ति

हालांकि, ओवैसी ने इस बात का समर्थन किया कि बातचीत और मध्यस्थता से इस विवाद का समाधान हो सकता है। लेकिन इस साथ ही इस पैनल में श्री श्री रविशंकर को शामिल करने पर उन्होंने आपत्ति जताई है। ओवैसी ने श्री श्री रविशंकर के मुस्लिमों को लेकर जारी किए एक पिछले बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोर्ट ने पैनल में किसी निष्पक्ष व्यक्ति का चुनाव किया होता तो बेहतर होता। आपको बता दें कि श्री श्री रविशंकर ने पहले कहा था, ‘अगर मुस्लिम अयोध्या पर दावा करने से खुद को पीछे नहीं किया तो भारत का हाल सीरिया जैसा हो जाएगा।

https://twitter.com/ANI/status/1103916392909168642?ref_src=twsrc%5Etfw
उमा भारती की प्रतिक्रिया

ओवैसी के अलावा भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। लेकिन इसके साथ ही हम राम भक्त भी हैं और हम एक ही बात कहना चाहेंगे कि जैसे वेटिकन सिटी में मस्जिद नहीं बन सकती, जैसे मक्का-मदीना में मंदिर नहीं बन सकता, उसी तरह से रामलला जहां पर हैं वहां दूसरा कोई धार्मिक स्थल नहीं बन सकता है।
फैजाबाद में होगी मध्यस्थता की प्रक्रिया

आपको बता दें कि मध्यस्थता के लिए स्थान के रूप में फैजाबाद को चुना गया है। पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी कोर्ट के मध्यस्थता के फैसले का स्वागत किया है। आपको बता दें कि श्री श्री रविशंकर प्रसाद ने 2017 में अयोध्या विवाद में मध्यस्थता कराने की बात कही थी। जस्टिस खलीफुल्ला सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं। श्रीराम पांचु सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैंं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को केस में मध्यस्थता पर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

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