चक्रवाती तूफान की आशंका के चलते प्रदेश सरकार पहले से ही सतर्क हो गई है। राजस्व, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से गुरुवार को एक एडवायजरी जारी की गई है, इसमे कहा गया है कि चक्रवात पाबुक जनवरी के पहले सप्ताह में दस्तक दे सकता है जोकि पूर्व, दक्षिण पूर्व पोर्ट ब्लेयर से तकरीबन 1500 किलोमीटर दूर है।
6 को ओडिशा से टकराने की संभावना
ऐसे में इस बात की संभावना है कि यह चक्रवात 6 जनवरी की शाम को अंडमान द्वीप को पार करके ओडिशा की ओर आ सकता है। यहां से होता हुआ यह चक्रवात 7-8 जनवरी को म्यामार की ओर जा सकता है जहां यह कमजोर पड़ जाएगा। प्रदेश के जिन सात जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, वहां के डीएम को स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि वह सतर्क रहे और स्थिति पर नजर बनाए रखें।
ऐसे में इस बात की संभावना है कि यह चक्रवात 6 जनवरी की शाम को अंडमान द्वीप को पार करके ओडिशा की ओर आ सकता है। यहां से होता हुआ यह चक्रवात 7-8 जनवरी को म्यामार की ओर जा सकता है जहां यह कमजोर पड़ जाएगा। प्रदेश के जिन सात जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, वहां के डीएम को स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि वह सतर्क रहे और स्थिति पर नजर बनाए रखें।
इन सात जिलों में अलर्ट
यह अलर्ट बालासोर, भदरक, जगतसिंगपुर, केंद्रपारा, पुरी, गंजम और खुर्दा में जारी किया गया है। हालांकि इस चक्रवात को लेकर कोई निश्चित चेतावनी मछुआरों को अभी तक नहीं जारी की गई है। लेकिन मौसम विभाग ने मछुआरों को गहरे समुद्र में नहीं जाने का सुझाव दिया है। खास बात यह है कि इससे पहले तितली तूफान ने राज्य में काफी तबाही मचाई थी।
यह अलर्ट बालासोर, भदरक, जगतसिंगपुर, केंद्रपारा, पुरी, गंजम और खुर्दा में जारी किया गया है। हालांकि इस चक्रवात को लेकर कोई निश्चित चेतावनी मछुआरों को अभी तक नहीं जारी की गई है। लेकिन मौसम विभाग ने मछुआरों को गहरे समुद्र में नहीं जाने का सुझाव दिया है। खास बात यह है कि इससे पहले तितली तूफान ने राज्य में काफी तबाही मचाई थी।
पिछले वर्ष अक्टूबर माह में तितली तूफान की वजह से ओडिशा में काफी नुकसान हुआ था, हजारों घर उजड़ गए थे, जबकि 65 लोगों की इस तूफान में जान चली गई थी। इसके बाद चक्रवात गाजा के डर से भी प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया था हालांकि यह काफी ज्यादा खतरनाक नहीं था, जिसकी वजह से बड़ा खतरा टल गया था।