भारतीय उच्चायोग ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने पूरी तरह मानवीय आधार पर पाकिस्तान में कमांडर कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी से मुलाकात कराने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में यहां भारतीय उच्चायोग को सूचित कर दिया गया है।
3 मार्च को हुई थी जाधव की गिरफ्तारी
इस्लामाबाद ने कहा था कि कथित रूप से भारतीय नौसेना के अधिकारी और बाद में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च और एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़ने वाले जाधव को पाकिस्तान में अवैध रूप से घुसपैठ के बाद 3 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किया गया था।
जाधव पर पाक के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप
पाकिस्तान सरकार के बयान के मुताबिक जाधव ने पाकिस्तान अदालत में इस बात को ‘स्वीकारा’ था कि उसे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अस्थिर करने के उद्देश्य से जासूसी, आतंकवादी और तोड़फोड़ की गतिविधियों के समन्वय और आयोजन के लिए कहा था।
इंटरनेशनल कोर्ट ने लगाई फांसी पर रोक
इसी फर्जी आरोप के आधार पर अप्रैल में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि भारत ने इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में अपील की थी, जिसपर सुनाई करते हुए अदालत ने रोक लगा दी थी। 18 मई को भारत की अपील पर आईसीजे की 10 सदस्यों वाली खंडपीठ ने सुनावई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि जाधव एक भारतीय नौसेना अधिकारी थे जो समय से पहले सेवानिवृत्त हुए, लेकिन उनका सरकार के साथ कोई संबंध नहीं था, लेकिन पाकिस्तान अपनी मनगढ़ंत काहनियों पर अड़ा रहा। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने जाधव की फांसी की सजा पर अमल पर लोग लगाने को कहा। पाकिस्तान ने जावध को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की अपील को कई बार ठुकरा चुका है। 46 वर्षीय जावध को पिछले साल मार्च में पाकिस्तान ने ईरान की सीमा से गलत तरीके से गिरफ्तार किया था।