पाकिस्तान में भारतीय राजदूत तलब, सीमा पर गोलीबारी को लेकर जाहिर की नाराजगी ये है पूरा मामलादरअसल शपथ ग्रहण समारोह के बाद पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ खास लोगों के साथ बैठक की, जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू को बुलाया गया था। इस बैठक में इमरान खान के बिल्कुल पास में सिद्धू की कुर्सी लगाई गई थी, हालांकि दोनों के बीच में पाकिस्तानी सेना के कोई बड़े ऑफिसर बैठे दिख रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ये तस्वीर काफी वायरल हो रही है। इस तस्वीर को गौर से देखेंगे तो आप खुद ही इस बात को समझ जाएंगे कि भारत-पाकिस्तान की दोस्ती के बीच किस तरह हमेशा सेना ने अपनी दखलअंदाजी रखी है। विदेश मामलों खास तौर पर पाकिस्तान से रिश्तों के मामलों के जानकारों की माने तो भारत और पाकिस्तान के राजनेता और आम जनता चाहती है कि दोनों देशों के रिश्ते सुधरें, लेकिन पाकिस्तान की सेना ऐसा नहीं चाहती कि ये रिश्ते यूं ही सुधर जाएं।
अटल की अंत्येष्टि में शामिल हुआ था डेविड हेडली का भाई, पाक दल के साथ पहुंचा था दिल्ली यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना लगातार दोनों दोस्तों के बीच दुश्मन की भूमिका निभाती आई है। पाकिस्तान में जब भी कोई राजनेता भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश करता है तो वहां सेना उसे पद से हटा देती है। यह तस्वीर भी कुछ यही बयां कर रही है। तस्वीर के मायने निकाले जाएं तो कहा सकता है कि इमरान खान चाहते हैं कि वे सिद्धू को अपने करीब बिठाएं लेकिन बीच में वहां का आर्मी ऑफिसर दीवार का काम कर रहे हैं।
बाजवा ने भी गले मिलकर दिया इशारा
पाकिस्तान पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू इमरान खान की ताजपोशी के लिए गए थे, लेकिन उनकी ताजपोशी से पहले पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सिद्धू को गले लगा लिया। ये उनका इशारा ही था कि पाकिस्तान के वजीए ए आजम से मिलने से पहले सेना के रास्ते ही गुजरना होगा। आपको बता दें कि बाजवा और सिद्धू के गले मिलने की तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे।