कौन थीं वह महिला जो अटारी-वाघा बॉर्डर पर विंग कमांडर अभिनंदन के साथ रहीं मौजूद?
क्या चाहता था पाकिस्तान?
बता दें कि विंग कमांडर अभिनंदन को हवाई मार्ग के बदले अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भेजने के पीछे पाकिस्तान का एक मकसद था। पाकिस्तान दुनिया के सामने इस पूरे घटनाक्रम को एक शांति की पहल के तौर पर दिखाना चाहता था। क्योंकि अटारी-वाघा बार्डर पर हर दिन शाम को भारत-पाकिस्तान बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करता है। इस दौरान पूरी दुनिया की नजर यहां के कार्यक्रम पर होता है। यदि बीटिंग रिट्रीट के दौरान अभिनंदन की वापसी होती तो पाकिस्तान इस घटनाक्रम को कुछ ओर भी रंग दे सकता था। लेकिन भारत ने पाकिस्तान के मनसूबों पर पानी फेर दिया और अपनी ओर के बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को रद्द कर दिया। इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने अभिनंदन की रिहाई में कागजी कार्रवाही पूरा न होने का बहाना बनाते हुए देरी करने लगा। हालांकि अंततः पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और रात के करीब नौ बजे विंग कमांडर अभिनंदन ने अपनी धरती भारत पर कदम रखा। बता दें कि पाकिस्तान ने अभिनंदन को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पैदल चलते हुए भारत लौटे।
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