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रूस ने आतंकवाद रोकने के लिए की पाकिस्तान की तारीफ, कहीं भारत के लिए बड़ा संदेश तो नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Apr 17, 2018 12:05:31 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने कहा कि पिछले आधे दशक से पाकिस्तान रूस का निकटतम सहयोगी रहा है।

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नई दिल्ली। रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद वित्त पोषण से निपटने के लिए गंभीर कदम उठा रहा है। वह आतंकवाद को रोकने का प्रयास कर रहा है। इस टिप्पणी को भारत और रूस के बीच रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। एक ओर भारत पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से जूझ रहा है। वहीं इस तरह के बयान से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती मिल सकती है।
इस दौरान रूसी राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान पिछले आधे दशक से रूस का निकटतम सहयोगी रहा है। उन्होंने कहा पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य बन चुका है। जो क्षेत्रीय स्थिरता के हक में होगा। अब दोनों पड़ोसी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकसाथ खड़ा होना होगा।
विवादों को लेकर स्थिरता नहीं

रूस के राजदूत नई दिल्ली में अटनांटा एसपीयन सेंटर द्वारा आयोजित भारत—रूस के संबंधों पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से पाकिस्तान और भारत के बीच आतंकवाद के मुद्दे को लेकर दूरियां बढ़ती जा रहीं हैं। मगर वह इस समस्या को स्थायी नजरों से नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीर है और वह भी इसके सफाये के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।
नए गठजोड़ की तैयारी

रूस के इस बयान को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह आने वाले समय में नए गठजोड़ के संकेत दे रहा है। पाकिस्तान, चीन और रूस के करीब आने से विश्व में नए गुट के पनपने के आसार नजर आने लगे हैं। रूस कई दशकों तक भारत का करीबी रहा है। रूस की मदद से भारत अपनी सैन्य ताकत बढ़ाता रहा है।
मगर अब रूस ने भारत से ज्यादा पाकिस्तान को अहमियत देनी शुरू कर दी है। वह उसके साथ सैन्य अभ्यास भी कर चुका है। पिछले साल सितंबर में दोनों देशों ने दो सप्ताह तक चलने वाले सैन्य अभ्यास डीआरयूजेडबीए 2017 में हिस्सा लिया था, जिसका उद्देश्य आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए रक्षा संबंधों को बढ़ावा देना था। इसके साथ पाकिस्तान का पुराना दोस्त चीन भी रूस के साथ मिलकर विश्व शक्ति के नए समीकरण बना रहा है।
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