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Gujarat: मौत के बाद परिवार के सामने COVID-19 संदिग्ध का अंतिम संस्कार, फिर आया फोन-मरीज की हालत ठीक है

locationनई दिल्लीPublished: Jun 02, 2020 10:38:35 am

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

Gujarat: मौत के बाद हॉस्पिटल ( Hospital ) से आया फोन-मरीज की हालत स्थिर
COVID-19 संदिग्ध बताकर हुआ था अंतिम संस्कार- परिजन
अब हॉस्पिटल प्रशासन ने दी सफाई

Patient is stable Gujarat hospital tells kin of man declared dead and cremated

गुजरात में एक हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( coronavirus ) से जूझ रहा है। इस महामारी को लेकर देश में लॉकडाउन ( Lockdown ) लागू है। वहीं, COVID-19 को लेकर लोगों में लगातार खौफ भी बढ़ रहा है। इसी बीच गुजरात ( coronavirus in Gujarat ) से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सनसनी मचा दी है। बताया जा रहा है कि यहां एक कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई थी। उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था। वहीं, बाद में हॉस्पिटल ( Hospital ) से फोन आया है कि उनकी हालत ठीक है।
हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही

जानकारी के मुताबिक, 71 साल के एक बुजुर्ग देवरामभाई भीसीकर ( Devrambhai Mahangurao Bhisikar ) का गुजरात ( Gujarat ) के कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ( GCRI ) में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उसमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। लेकिन, उनका कोरोना रिपोर्ट नहीं आया था। विगत 29 मई को हॉस्पिटल ने भीसीकर को मृत घोषित कर दिया था। हॉस्पिटल प्रशासन ने इसकी सूचना उनके परिजन को भी दे दी थी। परिजन की मौजूदगी में भीसीकर का कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol ) के तहत अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन, अंतिम संस्कार के कुछ घंटे बाद ही परिवार को हॉस्पिटल से फोन आया है कि उनकी हालत स्थिर है। इस खबर ने भीसीकर के परिजन को हैरत में डाल दिया।
29 मई को हुई थी मौत

देवरामभाई भीसीकर के परिजन का कहना है कि हॉस्पिटल के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से अगले दिन भी एक फोन आया। जिसमें कहा गया है कि उनकी हालत स्थिर है। भीसीकर के दामाद निलेश निकते ( Nilesh Nikte ) का कहना है कि हमें 29 मई की दोपहर में हॉस्पिटल से फोन आया कि भीसीकर की मौत हो गई है। यह खबर सुनते ही हम हॉस्पिटल पहुंचे। लेकिन, कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत हमें उनका चेहरा नहीं दिखाया गया, क्योंकि लाश पूरी तरह कवर थी। उनका कोरोना रिपोर्ट भी नहीं आया था। उनकी पहचान हमनें कपड़ों और सामानों से की। निलेश ने बताया कि 28 मई को हमंने शुगर और खांसी के कारण उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। लेकिन, एक्स-रे के बाद उन्हें COVID-19 वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।
‘अंतिम संस्कार के बाद आया फोन- मरीज की हालत ठीक है’

निलेश ने बताया कि 29 मई की रात उनका अंतिम संस्कार किया गया। रात 11 बजे हम घर पहुंचे थे। वहीं, रात डेढ बजे भीसीकर की बेटी को हॉस्पिटल के कॉल सेंटर से फोन आया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। सुबह फिर हॉस्पिटल से फोन आया, जिसमें कहा गया है कि देवरामभाई की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है और उन्हें ज्लद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसके बाद पूरा परिवार हॉस्पिटल पहुंचा। लेकिन, निदेशक ने कहा कि कॉल सेंटर से कुछ त्रुटि हो गई है। वास्तव में उनकी मौत हो चुकी है। इसके बाद सभी लोग घर वापस आ गए। घर पहुंचने के बाद फिर हॉस्पिटल से फोन आया है दोबार वही बात कही गई। बाद में GCRI के डॉयरेक्टर डॉक्टर शशांक पांड्या ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि कॉल सेंटर के बाद मरीज के बार में अंतिम स्थिति की जानकारी नहीं थी। ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी ने केवल रिपोर्ट की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि शूगर के कारण मरीज की मौत हो गई थी। लेकिन, इस बड़ी लापरवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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