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Corona: धर्म की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार की घोषणा पर महाराष्ट्र सरकार का यू-टर्न, बदला फैसला

देश में coronavirus का तेजी से बढ़ रहा है प्रकोप कोरोना वायरस से मरने वालों को लेकर महाराष्ट्र ( Maharashtra ) सरकार ने बदला फैसला सभी शवों को जलाने वाले मामले पर BMC का यू टर्न

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। भारत ( India ) में भी यह वायरस काफी तेजी से फैलता जा रहा है। देश में 1200 से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रति हैं, जबकि 32 लोगों की मौत हो गई है। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) और केरल ( Kerala ) में इस वायरस का सबसे ज्याद प्रकोप है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा 200 के पार पहुंच चुका है। इसी बीच कोरोना वायरस से मरने वाले सभी शवों को धर्म की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार करने की घोषणा पर महाराष्ट्र सरकार ने यूटर्न ले लिया है।

बीएमसी ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि कोरोना वायरस से मरने वाले सभी शवों को धर्म की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। साथ ही शव को दफनाने की अनुमति भी नहीं होगी, लेकिन अब उसने अपने इस निर्णय को वापस ले लिया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट कर इसकी घोषणा की।

नवाब मलिक ने ट्वीट किया कि यह आपको ध्यान दिलाने के लिए है कि मैंने बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी से कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके लोगों के दाह संस्कार के लिए उनके द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के बारे में बात की हैं। अब सर्कुलर वापस ले लिया गया है।

गौरतलब है कि पहले मुंबई में बीएमसी ( BMC ) के आयुक्‍त का कहना था कि कोरोना वायरस से जिस किसी की भी मौत हुई है या होगी सबको जलाया जाएगा। उनका कहना था कि न तो धर्म देखा जाएगा और न ही जाति। उन्हें दफनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सबको केवल जलाया जाएगा। इतना ही नहीं अंतिम संस्कार में पांच से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते हैं। यहां आपको बता दें कि नगर निगम ही अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक कार्यक्रम को देखते है।

यहां आपको बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ( WHO ) का भी कहना है कि इस संक्रमण को रोकने के लिए शवों को जलाना ही बेहतर होगा। शव को आइसोलेशन रूम या किसी क्षेत्र से इधर-उधर ले जाने के दौरान शव के फ्लूइड्स के सीधे संपर्क में आने से बचने के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों का समुचित इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा शव को अभेद्य बॉडी बैग में पूरी तरह सील करने की भी सिफारिश की गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी कहना है कि मुर्दाघर कर्मियों और अंतिम संस्कार करने वालों को हाथों को समुचित रूप से साफ रखने जैसी मानक एहतियात बरतनी चाहिए और उचित निजी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि यह वायरस किसी और में नहीं फैले। लिहाजा, महाराष्ट्र सरकार ने साफ कहा है कि कोरोना से मरने वालों को केवल जलाया जाएगा। यहां आपको बता दें कि भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस का अड्डा बना हुआ है और वहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।


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