46 करोड़ का लगेगा का खर्च असम में इस हिरासत कैंप को बनाने में करीब 46 करोड़ रुपये की लगात आएगी। वर्तमान समय में राज्य की छह जेलों गोआलपारा, कोकराझार, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और सिलचर का इस्तेमाल राज्य के न्यायाधिकरणों द्वारा विदेशी घोषित किए गए लोगों को हिरासत में रखने के लिए किया जाता है। ये न्यायाधिकरण 30 जुलाई को नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स के फाइनल ड्राफ्ट को घोषित किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
कमरे जैसी सुविधाएं होंगी चांगसन ने कहा,इस नए कैंप में रहने वालों के लिए कमरे जैसी सुविधाएं होंगी। इसकी क्षमता को बाद में बढ़ाया जाएगा, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रस्तावित कैंप का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। इसमें केवल ऐसे लोगों को रखा जाएगा जिन्हें विदेशी न्यायाधिकरणों ने गैर भारतीय घोषित किया है। वर्तमान समय में असम में 90 हजार घोषित गैर-भारतीय रह रहे हैं। विदेशी न्यायाधिकरण को असम होने वाले बांग्लादेशियों के घुसपैठ को रोकने के लिए बनाया गया है। इसकी मदद से कई विदेशियों को जेल में डाल दिया गया। विदेशी न्यायाधिकरण को असम होने वाले बांग्लादेशियों के घुसपैठ को रोकने के लिए बनाया गया है। इसकी मदद से कई विदेशियों को जेल में डाल दिया गया।