न सिर्फ प्रधानमंत्री बल्कि कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी स्वच्छ भारत अभियान का प्रचार करते आए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने 2018 तक राज्य को खुले में शौच को खत्म करने का निर्णय लिया है। खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस कह चुके हैं कि खुले में शौच जाने वाले लोगों को न सिर्फ शर्मिंदा किया जाएगा बल्कि उनसे फाइन भी लिया जाएगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया जब महाराष्ट्र के एक जिला परिषद अधिकारी ने शर्मनाक तरीका अपनाते हुए महिलाओं को शर्मसार किया, जो खुले में शौच कर रही थी। यह जिला परिषद राजेंद्र भरूड़ एक आईएएस अधिकारी हैं। राजेंद्र ने खुले में शौच कर रही गरीब महिलाओं को माला पहनाकर एक शर्मनाक हरकत की बल्कि उनकी तस्वीरों को सार्वजनिक रूप से मीडियाकर्मियों को भी भेज दिया।
जिला परिषद राजेंद्र भरूड़ की इस हरकत को काफी शर्मनाक बताया जा रहा है। बता दें कि यह घटना महाराष्ट्र के सोलारपुर जिले के चिकमहुद गांव की है। वहां के लोकल लोगों की माने तो, जिन महिलाओं के साथ यह शर्मनाक हरकत की गई है, वह गरीब मजदूर परिवार से हैं। उनके पास इतना साम्थर्य नहीं है कि वह अपने घर में शौचालय बनवा सकें।
कहा जा रहा है कि जब महिलाएं शौच कर रही थी। उस समय जिला परिषद सीईओ राजेंद्र गांव में ही थे। राजेंद्र ने अपनी ‘गुड मॉर्निंग टीम’ के साथ दो महिलाओं को माला पहनाकर शर्मिंदा किया। इस घटना के बाद सोलारपुर विधायक प्रणिती शिंदे का कहना है कि उन्होंने जीपी सीईओ के तुंरत निलंबन की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार महिलाओं का अपमान है। महिलाओं की तस्वीरे इस तरह को सार्वजनिक करने पर उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
इस घटना के बाद जीपी सीईओ राजेंद्र ने कहा कि उनहोंने महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए ऐसा नहीं किया बल्कि उन्होंने कहा कि उन्होंने महिलाओं को माला ही नहीं पहनाई। हमारी टीम के एक सदस्य ने यहां की तस्वीरें खींच ली और बिना मुझे खबर लगे एक सकारात्मक संदेश को प्रमोट करने के मकसद से व्हाट्सएप्प पर भेज दी और फिर वो वायरल हो गई शेयर करना तो दूर, मैं अपने आधिकारिक तस्वीरों तक को कभी नहीं खींचता हूं।’