222 पहली बार होगा एेसा हज कमेटी ने यह भी कहा कि अब तक सऊदी अरब के अफसरों की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। अगर इस बार हज रद्द होता है तो यह 222 साल में पहली बार होगा। सऊदी में 95 हजार 700 से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं और 642 मौतें हो चुकी हैं।
100 फीसदी भुगतान होगा वापस हज कमेटी ऑफ इंडिया ने उन तीर्थयात्रियों का 100 फीसदी भुगतान वापस करने का फैसला किया है, जो इस साल तीर्थयात्रा के लिए जाना चाहते थे। इसका कारण बताया गया है कि हज 2020 के बारे में सऊदी अधिकारियों से कोई बातचीत नहीं हुई है। साथ ही यात्रियों को यात्रा को रद्द करने के लिए तीर्थयात्रियों को एक फॉर्म भरना होगा।
रद्द करने के लिए करें ये काम अगर यात्री यात्रा रद्द करना चाहते हैं कि हज कमेटी की वेबसाइट से कैंसिलेशन फॉर्म डाउनलोड करें। फॉर्म भरकर ceo.hajcommittee@nic.in पर भेजना होगा। कारण बताना होगा। इससे यात्रा रद्द की जा सकेगी। आपका रिफंड सीधे खाते में पैसे आएगा। कैंसिलेशन फॉर्म के साथ बैंक पासबुक की कॉपी या कैंसिल चेक भी अटैच करना पड़ेगा।
इससे पहले 1798 में रद्द हुई थी यात्रा गौरतलब है कि कोरोना वायरस ने दुनिया भर में अपना कहर मचाया हुआ है। इस संक्रामक से सऊदी अरब भी अछूता नहीं रहा है। सऊदी अरब में हर रोज कोरोना वायरस के नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। सऊदी में अब तक 95 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। ये दूसरी बार एेसा हुआ है कि जब हज यात्रियों को यात्रा करने से रोक दिया गया है। बता दें कि इससे पहले हज यात्रा 1798 में रद्द की गई थी। सऊदी सरकार ने 27 फरवरी को उमरा पर भी बैन लगा दिया था। उमरा हज की तरह ही होता है, लेकिन निश्चित इस्लामी महीने में मक्का और मदीना की यात्रा को हज कहा जाता है।