scriptजजों के नाम पर रिश्वत लिए जाने की याचिका SC ने संविधान पीठ को भेजी | Plea on bribes taken judges names sent to Constitution bench by SC | Patrika News

जजों के नाम पर रिश्वत लिए जाने की याचिका SC ने संविधान पीठ को भेजी

locationनई दिल्लीPublished: Nov 09, 2017 06:35:00 pm

Submitted by:

Rajkumar

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को इसकी सुनवाई का जिम्मा सौंपा है। इसलिए अब इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश करेंगे।

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जजों के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने संबंधित याचिका को संविधान पीठ को सौंप दिया है। बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को इसकी सुनवाई का जिम्मा सौंपा है। इसलिए अब इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश करेंगे। साथ ही इस याचिका पर मामले की जांच के लिए कोर्ट ने रिटायर जजों की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल गठित करने का अनुरोध किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी निगरानी करने का भी अनुरोध किया गया है। जबकि शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर केंद्र और सीबीआई को नोटिस भी जारी किया है।

इस बीच जस्टिस जे चेलामेश्वर और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने सीबीआई को दस्तावेजों से संबंधित निर्देश भी दिया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 19 सितंबर को दर्ज की गयी, प्राथमिकी से संबंधित सामान और दस्तावेज सभी सुरक्षित तरीके से रखें जाएं। गौर करने वाली बात ये है कि इस प्राथमिकी में उड़ीसा हाईकोर्ट के एक पूर्व जज को भी आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

 

तभी जस्टिस जे चेलामेश्वर और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने निर्देश दिया कि जांच ब्यूरो को सीलबंद लिफाफे में 13 नवंबर को इस मामले से सभी जुड़े दस्तावेज और सामग्री को संविधान पीठ के सामने पेश करें। क्योंकि जांच ब्यूरो की प्राथमिकी में मेडिकल में एडमिशन का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि हाईकोर्ट के पूर्व जज सहित अन्य लोगों ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से संबंधित मामले को शीर्ष अदालत द्वारा अपने पक्ष में कराने के लिए रिश्वत मांगी। इसके लिए इन लोगों ने साजिश रची और रिश्वत के रूप में मोटी रकम भी मांगी, ये आरोप लगाए गए हैं।

वहीं गुरुवार को मामले की सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं। क्योंकि, आरोप एक ऐसे मामले से संबंधित हैं। जिसकी सुनवाई उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने की थी। यहां गौर करने वाली बात ये है कि कोर्ट इससे पहले इस याचिका पर सुनवाई के लिए शीघ्र तैयार हो गया था।

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