वोटों की राजनीति से ऊपर है भारत-इजरायल का रिश्ता :डेनियल कारमॉन
खबरों की माने तो पीएम मोदी खुद उन्हें दोपहर दिल्ली के एयरपोर्ट लेने पहुंचेंगे, हालांकि यह भारत के प्रोटोकॉल में नहीं है। आपको बता दें नेतन्याहू का यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में नई दिल्ली की ओर से वोट करने के एक महीने से भी कम समय के भीतर हो रहा है। हालांकि, भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमॉन ने मीडिया से बातचीत में इस विषय पर किसी भी तरह की अटकलबाजी पर विराम लगाते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र में एक वोट इधर-उधर होने से रिश्ता कहीं ज्यादा मजबूत है।’
बेंजामिन नेतन्याहू का भारत दौरा 14-18 जनवरी तक
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत आने के बाद नेतन्याहू की सबसे पहले ऑफिसियल बैठक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ होनी है। जिसके बाद नेतन्याहू राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी के साथ बैठक करेंगे। बेंजामिन नेतन्याहू का भारत दौरा 14-18 जनवरी तक का है।पीएम नेतन्याहू 14 जनवरी को नई दिल्ली आने के बाद 15 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।जिसके बाद अगले दिन यानी 16 जनवरी को नेतान्याहू आगरा जाएंगे जहां वो ताजमहल देखेंगे, इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ होंगे। अगर के बाद 17 जनवरी को भारतीय पीएम मोदी और इजरायली पीएम नेतान्याहू अहमदाबाद जाएंगे। जहां दोनों के रोड शो करने कि भी संभावनाएं हैं। नेतन्याहू भू-राजनीति व भू-अर्थशास्त्र पर भारत की ओर से आयोजित प्रमुख सम्मेलन ‘रायसिना वार्ता’ में भी शिरकत करेंगे।
इजरायल का दौरा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री
आपको बता दें कि नेतन्याहू के यह दौरा इसलिए भी विशेष है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल की यात्रा करने के करीब छह महीने बाद वह भारत आ रहे हैं। इजरायल का दौरा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
‘कई मसलों पर की जाएगी बातचीत’
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिमी एशिया व उत्तर अफ्रीका) बी. बाला भास्कर ने अपने बयान में यह संकेत दिए कि इस दौरे में कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि 15 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू द्विपक्षीय वार्ता के लिए बैठेंगे तो ‘कई मसलों पर बातचीत की जाएगी’। भास्कर ने बताया कि दोतरफा सहयोग के दायरे को बढ़ाकर इसमें कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, ‘कृषि क्षेत्र से आरंभ करने के बाद अब हमारे सहयोग का दायरा बड़ा हो गया है, जिसमें प्रमुख रूप से प्रौद्योगिकी सहयोग, नवाचार, अनुसंधान व विकास, विज्ञान, अंतरिक्ष आदि शामिल हैं। इस तरह यह बहुत की गुणात्मक अनुबंध है, जिसे टेक्नोलोजिकल कोलैबोरेश एंड इनोवेशन का नाम दिया गया है।’ उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पांच अरब डॉलर का व्यापार बीते साल 2016-17 में हुआ था, जिसमें रक्षा सौदे शामिल नहीं हैं।
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इजरायल से 8,000 स्पाइक (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) की खरीद पर दोबारा बातचीत हो सकती है। यह सौदा पिछले साल रद्द हो गया था।
इजरायल पीएम के साथ आएगा ये खास शख्श भी
नेतन्याहू के साथ मोशे हॉल्ट्जबर्ग भी भारत आएंगे, जिनके माता-पिता रबी गेवरिल और रीव्का हॉल्ड्जबर्ग 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में मारे गए थे। मोशे उस समय सिर्फ दो साल के थे।