सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लॉकडाउन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से बात करेगे। क्योंकि, अब तक 80 फीसदी से ज्यादा मुख्यमंत्री लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं, सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से जब पीएम ने बात की थी तो सबने लॉकडाउन का समय सीमा बढ़ाने के लिए कहा था। इसके बाद से कयास लगाया जा रहा है देश में लॉकडाउन की अवधि एक बार फिर बढ़ सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बदलावों के साथ लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर स्कूल, कॉलेज और धार्मिक संस्थान बंद रहने की संभावना है। इधर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा है कि कोरोनो वायरस के प्रकोप से भारत की आर्थिक सुधार में तेजी से बदलाव आया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एयरलाइंस को धीरे-धीरे परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन सभी वर्गों में मिडिल सीट खाली रखा जा सकता है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक जीवन को बचाना है। पीएम ने कहा था कि देश में इस समय स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ की तरह है, इसके लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और हमें निरंतर सतर्क रहना चाहिए। लिहाजा, अनुमान लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन को दोबारा बढ़ाया जा सकता है। सभी नेताओं के साथ मीटिंग में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत भी दिए थे। यहां आपको बता दें कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने राज्य में लॉकडाउन की अवधि अगामी 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। अब देखना यह है कि शनिवार को मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली मीटिंग में क्या फैसला लिया जाता है?