पीएम मोदी का संबोधन Live – पीएम मोदी ने कहा कि किसी के सासंधनो या फिर किसी की जमीन पर हमारी नजर नहीं है। भारत हमेशा विश्व में शांति और प्रगति स्थापित करने के प्रयास करता रहेगा। कट्टरपंथ से लड़ाई की विचारधारा गांधी जी की है।
– पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। 2 विश्व युद्धो में 1.5 लाख से ज्यादा भारतीय शहीद हो गए। थे। भारतीय मूल्य विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं। – पीएम मोदी ने अप्रवासी भारतीय सांसदों से कहा कि सेवा के भावना तो हम भारतीयों की पहचान है। पीएम ने कहा कि जैसा पहले था, वैसे ही चलता रहेगा, कुछ बदलेगा नहीं, इस सोच से भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है। विश्व ने भारत की ताकत को माना है।
– पीएम मोदी ने कहा पिछले 3-4 सालों के अंदर आप सभी ने भी ये महसूस किया होगा कि दुनिया का ध्यान भारत की तरफ ज्यादा आकर्षित हुआ है, दुनिया का नजरिया भी भारत के लिए बदला है। पीएम ने कहा कि इसका मुख्य कारण यही है कि भारत स्वयं बदल रहा है, ट्रांसफॉर्म हो रहा है।
– अप्रवासी भारतीय सांसदों से पीएम मोदी ने कहा कि अगर यहां मैं राजनीति की बात करूं तो मैं देख ही रहा हूं कि कैसे भारतीय मूल की एक मिनी वर्ल्ड पार्लियामेंट मेरे सामने बैठी है। आज भारतीय मूल के लोग मॉरीशस, पुर्तगाल और आयरलैंड में प्रधानमंत्री हैं। भारतीय मूल के लोग और भी बहुत से देशों में राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं।
– भारतीय मूल की एक मिनी वर्ल्ड पार्लियामेंट पीएम ने कहा कि आज आपको यहां देखकर आपके पूर्वजों को कितनी प्रसन्नता रही होगी, इसका अंदाजा हम लोग लगा सकते हैं। भारत से जो भी लोग बाहर गए भारत उनके मन से कभी नहीं निकला।
– पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय मूल के प्रवासी जहां भी गए, उसे अपना घर बना लिया। उन्होंने एक तरफ भारतीयता को जीवित रखा तो वहां की वेशभूषा में भी घुलमिल गए। – पीएम मोदी ने कहा कि आज भी भारतवासी आप सभी पर गर्व करते हैं। जब भी दुनिका के किसी हिस्से से आपसे संबंधित कोई खबर आती है, तो भारतवासियों को गर्व होता है। पीएम ने कहा कि मैं आपकी भारत के प्रति भावना को भली भांति समझ सकता हूं।
– पीएम मोदी ने दुनिया में मौजूद तमाम भारतीय मूल के सांसदों को सबसे पहले प्रवासी दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं आप सभी प्रवासी भारतीय मित्रों का हार्दिक स्वागत करता हूं। आपके पूर्वज भले ही यहां से गए थे लेकिन आप लोग आज भी भारत के साथ जुड़े हैं।
पहली बार भारतीय मूल के सांसद होंगे उपस्थित आपको बता दें कि पहली बार भारतीय मूल के सांसद इस वैश्विक सम्मेलन में शामिल हुए हैं। इससे पहले के सम्मेलनों में भारतीय मूल के उद्यमियों का प्रतिनिधित्व रहता था। विदेश मंत्रालय में प्रवासी भारतीय विभाग के प्रमुख ज्ञानेश्वर मुले के मुताबिक 30 से अधिक देशों में भारतवंशी जनप्रतिनिधि बन चुके हैं। मुले के मुताबिक दुनिया के हर देश में भारतीयों की उपस्थिति भी दर्ज हो चुकी है।
कब हुई थी शुरूआत
प्रवासी दिवस मनाने की कल्पना स्वर्गीय लक्ष्मीमल्ल सिंघवी के दिमाग की उपज थी। साल 2003 में इसकी शुरूआत हुई थी। इसका उद्देश्य था कि दुनिया भर में बसे प्रवासियों को उनकी मिट्टी से जोड़ना। इसमें कई प्रवासी भारतीयों ने भारत में आकर निवेश भी किया और आगे भी करने की इच्छा जता रहे हैं।
प्रवासी दिवस मनाने की कल्पना स्वर्गीय लक्ष्मीमल्ल सिंघवी के दिमाग की उपज थी। साल 2003 में इसकी शुरूआत हुई थी। इसका उद्देश्य था कि दुनिया भर में बसे प्रवासियों को उनकी मिट्टी से जोड़ना। इसमें कई प्रवासी भारतीयों ने भारत में आकर निवेश भी किया और आगे भी करने की इच्छा जता रहे हैं।
किन देशों का है प्रतिनिधित्व
सम्मेलन में आयरलैंड, पुर्तगाल, फिजी, सूरीनाम, मॉरीशस, गयाना, त्रिनिदाद और टोबेगों, ब्रिटेन आदि देशों के सांसद आ रहे हैं। इनमें गयाना से 20 सांसद और तीन मेयर,त्रिनिदाद और टोबेगो के 16 सांसद और चार मेयर, ब्रिटेन की संसद में भारतीय मूल के सभी सांसद और एक मेयर हिस्सा ले रहे है।
सम्मेलन में आयरलैंड, पुर्तगाल, फिजी, सूरीनाम, मॉरीशस, गयाना, त्रिनिदाद और टोबेगों, ब्रिटेन आदि देशों के सांसद आ रहे हैं। इनमें गयाना से 20 सांसद और तीन मेयर,त्रिनिदाद और टोबेगो के 16 सांसद और चार मेयर, ब्रिटेन की संसद में भारतीय मूल के सभी सांसद और एक मेयर हिस्सा ले रहे है।