होली के इस पावन अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। इस दौरान राष्ट्रपति कोंविद ने होली की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व हमारे समाज में प्रेम और आपसी सौहार्द का जश्न है। उन्होंने कहा कि यह मेरी कामना है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में यह त्यौहार शांति, सुख और समृद्धि लेकर आए।वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी देशवासियों को होली की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने देश में शांति, प्रेम और सौहार्द कायम रहने की कामना भी की। उन्होंने कहा कि होली के इस पावन अवसर भी मैं अपने भाई-बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूं। होली के रंग मनुष्य के खुशियों और आपसी प्रेम का प्रतीक है।
दोहपर तक बंद मेट्रो
होली के दिन अपरान्ह 2.30 बजे तक सभी मार्गो पर दिल्ली मेट्रो सेवा बंद रहेगी। यह जानकारी दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने दी। डीएमआरसी के मुताबिक शुक्रवार को मेट्रो फीडर बस सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। लेकिन, मेट्रो सेवा अपरान्ह 2.30 बजे के बाद सामान्य रूप से चलने लगेगी। डीएमआरसी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि दो मार्च 2018 को होली के अवसर पर दिल्ली मेट्रो के सभी मार्गो पर अपरान्ह 2.30 बजे तक मेट्रो सेवा बंद रहेगी।
अलग-अलग तरह से मनी होली
देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरह से होली मनाई गई। बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां ब्रज की बरसाने की ‘लट्ठमार होली’ विश्व प्रसिद्ध है। होली खेलने के लिए यहां लोग रंगों के बजाए लाठियों का प्रयोग करते हैं महिलाएं पुरुषों को लठ्ठ मारती है और पुरुष खुद को बचाने के लिए ढालों की आड़ लेते हैं। ब्रज मंडल में करीब डेढ़ महीने तक लट्ठमार होली का कार्यक्रम चलता है। ब्रज मंडल में नंदगांव, बरसाना, मथुरा, गोकुल, लोहबन तथा बलदेव की होली विशेष रूप से देश विदेश में प्रसिद्ध है। वहीं बिहार के कुछ स्थानों पर होली को रात में जलाने की परंपरा है। लोग होलिका दहन के समय लकड़ियों से बनाई गई होली के आस पास इकठ्ठा होते हैं और उसमें आग लगाकर गेहूं व चने की बालें भूनकर खाते हैं। कुछ जगहों पर युवक अपने-अपने गांव की सीमा के बाहर मशाल जलाकर रास्ता रोशन करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से वे अपने गांव से दुर्भाग्य और संकटों को दूर भगाते हैं।
तीन तक चलता है कार्यक्रम
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में होली को ‘डोलीजागा’ नाम से मनाया जाता है और यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलता है। प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों के समीप कागज, कपड़े और बांस से मनुष्य की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं और शाम के वक्त प्रतिमाओं के समक्ष वैदिक रीति से यज्ञ किए जाते हैं और बाद में प्रतिमाएं जला दी जाती हैं। उसके बाद लोग यज्ञ कुंड की सात बार परिक्रमा करते हैं। ठीक इसके अगले दिन सुबह भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को एक झूले पर सजाया जाता है। इस दौरान वहां मौजूद लोग भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर रंग उड़ाते हैं। इसके बाद दिनभर लोग रंगों से आपस में होली खेलते हैं। साथ ही उत्तर भारत के पंजाब और हरियाणा में भी होली को खूब धूमधाम से मनाया गया। लोग रंग और गुलाल से होली खेलकर एक-दूसरे से गले मिले।