‘होता है, चलता है, देखेंगे’ का जमाना गया: मोदी
Published: Sep 18, 2016 10:03:00 am
पीएम मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर नवसारी में दिव्यांगों के लिए आयोजित एक समारोह में भाग लिया
mistakes of Narendra Modi
नवसारी। पीएम मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर नवसारी में दिव्यांगों के लिए आयोजित एक समारोह में भाग लिया। इस दौरान मोदी एक दिव्यांग बच्ची को गोद में लेकर मंच और फिर माइक तक पहुंचे। बच्ची ने मोदी की गोद में ही बैठकर रामायण की कहानी सुनाई। उन्होंने इसके बाद बच्ची की सराहना भी की।
समारोह के दौरान नरेनद्र मोदी ने मंच से कहा, ‘दुनिया भारत की तरफ देख रही है और अब ‘चलता है’ जैसी बातें सिर्फ मुहावरा रह गई हैं।’ उन्होंने कहा, “इस सरकार में होता है, चलता है और देखेंगे की पुरानी प्रवृत्ति के दिन अब लद गए। अब ऐसा नहीं चलने वाला।” उन्होंने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार अब समयबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से कार्यक्रम संचालित कर रही है जिसके बेहतर नतीजे भी आ रहे हैं। हीलाहवाली और लापरवाही के दिन गए। उन्होंने कहा कि विश्व को भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं और पूरी दुनिया इसकी ओर बड़ी उम्मीदों के साथ देख रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संवेदनशील सरकार है और जब किसी कार्य को लेकर संवदेना होती है तो समस्याओं के हल निकल ही आते हैं। दिव्यांगों के विकास के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सामाजिक क्रांति के लिए प्रतिबद्ध है और दिव्यांगों को पर्याप्त अवसर एवं सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।
पीएम ने कहा कि राजग सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए ऐसी व्यवस्था की है जिसमें कल्याणकारी कार्यों के प्रति सरकारी उदानीसता की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अनेक ऐसे कार्यक्रम शुरू किए हैं जिन्हें आजादी के बाद पहली बार इतना महत्व दिया जा रहा है। स्वच्छ भारत अभियान पर पहली बार संसद और मीडिया में व्यापक चर्चा हो रही है। सुगम्य भारत अभियान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर शौचालय तथा सड़क पार करने आदि के लिए समपार व्यवस्था की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बने तीन विश्व रिकार्ड
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 66 वें जन्मदिन के अवसर पर गुजरात के नवसारी में दिव्यांगों को उनके हाथों साधन सहायता के वितरण के दौरान गिनीज बुक में दर्ज होने वाले तीन नए विश्व रिकार्ड बने। इस मौके पर व्हीलचेयर पर बैठे 1000 दिव्यांगों ने एक विशेष आकृति बना कर नया रिकार्ड बनाया। गिनीज बुक ऑफ रिकार्डस के एक प्रतिनिधि ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इससे पहले यह रिकार्ड अमेरिका में 2010 में बना था जिसमें मात्र 346 दिव्यांग शामिल थे।
इस कार्यक्रम में कुल 11,223 दिव्यांगों को 17,000 सहायता उपकरण के किट वितरित किए गए। इसी कार्यक्रम में एक बार में एक हजार दिव्यांगों को सुनने वाले सहायता किट के वितरण के जरिए भी आस्ट्रेलिया में बने रिकार्ड को तोडने का प्रयास किया गया। इस दौरान एक ही स्थान पर दीप जलाने का भी नया रिकार्ड बनाने की कोशिश की गई।
सूरत में शनिवार को ही मोदी के जन्मदिन के मौके पर दुनिया के सबसे बडे पिरामिड केक का विश्व रिकार्ड बनाने का भी प्रयास किया गया। इस बारे में गिनीज बुक के अधिकारी पडताल के बाद घोषणा करेंगे। इससे पहले यह रिकार्ड पोलैंड में बना था। प्रधानमंत्री कल अहमदाबाद आए थे और शनिवार शाम दाहोद और नवसारी में दो कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद सूरत हवाई अड्डे से वापस दिल्ली लौट गए।