22 हजार से अधिक शहीदों के सम्मान में बनाया गया है स्मारक
बता दें कि इस स्मारक को 22 हजार से अधिक शहीद हो चुके जवानों के सम्मान में बनाया गया है। करीब 60 वर्ष पहले ही इस स्मारक को बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया था, लेकिन नहीं बन सका था। हालांकि मोदी सरकार आने के बाद से इसके काम में तेजी आई और फिर बन कर तैयार हो गया। इस वार मेमोरियल का उद्घाटन 15 अगस्त 2018 में ही होना था लेकिन किसी कारण से नहीं हो सका। बता दें कि इस वार मेमोरियल के अंदर 22600 से अधिक सैनिकों के बारे में बताया गया है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दुनिया में भारत ही शायद एक मात्र ऐसा देश था जिनके पास वार मेमोरियल नहीं था। उन्होंने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए 8400 भारतीयों की याद में अंग्रेज शासकों ने इंडिया गेट बनवाया था। उसके बाद 1971 में शहीद हुए 3843 जवानों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई। आपको बता दें कि इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ शाश्वत लौ भी जलती रहेगी, जो दर्शाता है कि सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता है। यह वार मेमोरियल लगभग 40 एकड़ में फैला है और इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है।
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