प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर गुजरातवासियों को बर्थडे गिफ्ट दिया। अपने गृह राज्य गुजरात पहुंचे पीएम मोदी ने यहां सरदार सरोवर बांध परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। नर्मदा नदी पर बना यह बांध दुनिया का दूसरे नंबर का और अपने देश का सबसे ऊंचा बांध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अाज अपने जन्मदिन पर गांधीनगर पहुंचकर मां हीराबेन से आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी 67 साल के हो गए। देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन पर कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
मोदी ने विरोधियों पर हमला करते हुए कहा, ‘इस बांध के काम को रोकने के लिए दुनिया भर के प्रयास हुए। अनाप-शनाप झूठे आरोप लगाए गए। ढेर षड़यंत्र हुए। ..किस-किस ने मुसीबत की है उसका मेरे पास कच्चा चिट्ठा है, लेकिन वह राजनीति मुझे करनी नहीं है।’
बांध को अस्मिता और भावनाओं से जोड़ते हुए मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने आजादी से पहले ही इस बांध का सपना देखा था। यहां तक कि एक बार विश्व बैंक ने भी इसके लिए पैसे देने से मना कर दिया था। तब मंदिरों के पैसे से यह काम हुआ। हम एक बार संकल्प ले लेते हैं तो उसे पूरा करने का सामर्थ्य रखते हैं।
कभी बांध के लिए अनशन कर चुके मोदी के लिए यह वाकई बड़ा दिन था। उन्होंने कहा, ‘पानी की बूंद के लिए तरसती धरती मां को जब बेटा पानी देता है तो उससे ज्यादा भावुक पल क्या हो सकता है।’
बांध के बीचों-बीच बन रही सरदार पटेल की मूर्ति ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘आप भली-भांति जानते हैं, मुझे छोटा काम जंचता ही नहीं है। सरदार साहब की स्टेच्यू बनाने की सोची थी, तब मन में ठान ली थी कि दुनिया में सबसे ऊंची होगी। अब 182 मीटर की प्रतिमा बन रही है जो अमेरिका के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दुगनी ऊंची होगी।’
मेरे मन में इच्छा थी कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तान में देश की हिफाजत करने वाले जवानों तक पीने का पानी ले जाऊं। अब इस बांध का पानी सात सौ किलोमीटर दूर तक पहुंचेगा। जहां पहले सिर्फ ऊंट के जरिए ही जाता था।
शनिवार को अंतिम सांस लेने वाले एयर चीफ मार्शल अरजन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे एक सच्चे सेनापति थे। मोदी ने कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में अरजन सिंह जब भी आते थे, तो पूरी वर्दी में आते थे। व्हील चेयर पर होने के बावजूद उन्हें देखते ही उठ कर खड़े हो जाते थे।
इस कार्यक्रम के लिए खास तौर पर तीन और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्यौता दिया गया था। मगर मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने इसमें भाग नहीं लिया। मध्य प्रदेश में इस बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने से डूब क्षेत्र में आए लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने अपने संदेश में इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से वे नहीं आ रहे हैं। इसी तरह राजस्थान की मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा, सरदार सरोवर योजना का निर्माण देश की विकास यात्रा का स्वर्णिम अध्याय है। जिसका लाभ गुजरात सहित देश के बड़े भूभाग को मिलेगा।
वहीं बीजेपी अपने शीर्ष नेता के जन्मदिन को ‘सेवा दिवस’ के रूप में मना रही है। इसके तहत बीजेपी प्रमुख अमित शाह रांची में, वित्त मंत्री अरुण जेटली दिल्ली के कीर्तिनगर में, रेल मंत्री पीयूष गोयल चेन्नई में, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर मुम्बई में होंगे। सभी मंत्री और पार्टी नेता देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। परिकल्पना सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1946 में ही की थी। हालांकि इस पर काम 1970 के दशक से ही प्रारंभ हो पाया। इस बांध परियोजना और इस पर बनी विद्युत परियोजना से चार राज्यों गुजरात, महाराष्ट, राजस्थान और मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने बांध के समीप ही बन रही सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा ‘स्टेचू आफ यूनिटी’ के निर्माण में हुई प्रगति का भी जायजा लिया। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनने जा रही है। बांध और सरदार पटेल की प्रतिमा के निर्माण कार्य में संलग्न सरदार सरोवर नर्मदा निगम लि. के अधीक्षण अभियंता आर जी कानूनगो ने समाचार एजेंसी को बताया कि 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। अभी अमरीका स्थित ‘स्टेचू आफ लिबर्टी’ को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा माना जाता है।
इसके निर्माण कार्य का ठेका एल एंड टी कंपनी को दिया गया है। कानूनगो ने बताया कि इस विशाल प्रतिमा के निर्माण के लिए एक जून 2018 का समय तय किया गया था किन्तु इसके अब अक्टूबर 2018 में पूरा होने के आसार हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिमा की छाती की ऊंचाई तक एक प्लेटफार्म बनाया जाएगा जिस पर चढ़कर एक साथ 200 लोग प्रतिमा को समीप से देख पायेंगे। इस प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां, लिफ्ट और रास्ते का निर्माण भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस इस प्रतिमा के निर्माण पर 2989 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।