तीन साल में बांटने थे 5 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन
गरीब परिवारों को रसोई गैस मुहैया कराने की यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से शुरू की थी। योजना के तहत तीन साल के भीतर पांच करोड़ गैस कनेक्शन वितरित किए जाने थे, यह लक्ष्य तय समय से नौ माह पहले ही हासिल कर लिया गया।
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आठ हजार करोड़ रुपए की योजना
मोदी सरकार ने इस योजना के लिए आठ हजार करोड़ रुपए का बजट रखा था। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले जीवाश्म ईंधन के स्थान पर एलपीजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। योजना का एक और मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना और उनकी सेहत की सुरक्षा करना भी है। इसके तहत गरीब परिवार की महिला सदस्य को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराया जाता है।
PMUY लाभार्थियों से पीएम मोदी ने की बात
28 मई को प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए छत्तीसगढ़ सहित देश के पांच राज्यों की उन महिलाओं से सीधे बातचीत की, जो उज्जवला योजना से लाभान्वित हुई हैं। इसी कड़ी में रायपुर के सारागांव की मीना निर्मलकर ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि पहले अन्य घरों में गैस चूल्हा को देखने से मन में अपने घर में गैस चूल्हा न होने की बात खलती थी। खाना बनाने के लिए लकड़ी, गोबर के उपले आदि की व्यवस्था में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, जिससे बहुत अधिक समय और मेहनत लगती थी। लकड़ी और उपलों से निकलने वाले धुंआ से पूरे परिवार के स्वास्थ्य में बुरा असर पड़ता था। अब गैस चूल्हा मिल जाने से बच्चों के मनपसंद का खाना एवं व्यंजन जल्दी बन जाते हैं।