लाख तूफान आया किए राह में,
बन के कोहे गरां वो खड़ा ही रहा।
क़ैदे-हस्ती भी उसको गवारा न थी,
हो के आज़ाद मुल्के-अदम को गया।
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सन 1993 में अकादमी ने जयपुर में सम्मानित किया
पंडित नेहरू ने उन्हें जो इज्जत बख्शी,वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काल में भी निभाई गई। सन 1986 में नई दिल्ली में आयोजित दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन सार्क के सेमिनार में रमज़ी इटावी साहब ने शिरकत की थी। उससे पहले सन 197९ में उन्हें राजस्थान उर्दू अकादमी ने सदस्य बनाया था। वहीं सन 1993 में अकादमी ने जयपुर में सम्मानित किया था। उन्हें , राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने जोधपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया था।
भटकता चांद राजस्थान उर्दू अकादमी से प्रकाशित
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रथम कार्यकाल में राजस्थान उर्दू अकादमी ने उनका काव्य संग्रह सहरा में भटकता चांद राजस्थान उर्दू अकादमी से प्रकाशित किया था। इसके लिए मशहूर शाइर शीन काफ़ निज़ाम की पहल पर अकादमी ने खुद जोधपुर पहुंच कर उनकी मौजूदगी में उनके काव्य संग्रह का विमोचन समारोह आयोजित किया था। उनके इंतक़ाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शोक प्रकट करने जोधपुर शिप हाउस स्थित उनके घर पहुंचे थे। मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी की ओर से उनकी जन्म शताब्दी भी मनाई गई थी। भारत को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने के लिए यह देश व साहित्य जगत उनका ऋणी है।