script…इसे ले जाओ थाने में ये बिल्कुल कांग्रेसी है! मशहूर शायर रमजी इटावी ने ऐसे रोशन किया यूपी और राजस्थान का नाम | poetic collection of Sayar Ramzi Itavi published by Rajasthan Urdu Academy | Patrika News

…इसे ले जाओ थाने में ये बिल्कुल कांग्रेसी है! मशहूर शायर रमजी इटावी ने ऐसे रोशन किया यूपी और राजस्थान का नाम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 30, 2020 08:08:59 pm

Submitted by:

Mohit sharma

चिरागे-मोहब्बत जलाओ जमीं पर, अंधेरा न रह जाए यारो कहीं पर
भारत के शाइर रमजी इटावी ने दुनिया को दिया मोहब्बत का संदेश

...इसे ले जाओ थाने में ये बिल्कुल कांग्रेसी है! मशहूर शायर रमजी इटावी ने ऐसे रोशन किया यूपी और राजस्थान का नाम

…इसे ले जाओ थाने में ये बिल्कुल कांग्रेसी है! मशहूर शायर रमजी इटावी ने ऐसे रोशन किया यूपी और राजस्थान का नाम

– एक दिसंबर : रमजी इटावी जयंती विशेष
चिरागे-मोहब्बत जलाओ जमीं पर, अंधेरा न रह जाए यारो कहीं पर…।

नई दिल्ली। भारतीय ज्ञानपीठ के संकलनों में शामिल विश्व बंधुत्व और भाईचारे के अग्रदूत महान मशहूर शायर और समाजसेवी रमज़ी इटावी साहब की एक दिसंबर को जयंती है। वे एक दिसंबर 1912 को उत्तर प्रदेश के इटावा में पैदा हुए और राजस्थान के जोधपुर शहर में 5 अप्रेल 2002 को उनका निधन हुआ। उन्होंने साहित्य जगत में उत्तर प्रदेश और राजस्थान का नाम खूब रोशन किया। आज़ादी से पहले उन्होंने अंग्रेजों को टारगेट करते हुए कहा था-जवानी इसकी देसी है बुढ़ापा इसका देसी है। इसे ले जाओ थाने में ये बिल्कुल कांग्रेसी है।। उन्होंने महात्मा गांधी के निधन पर कहा था- मैं सीधे पे दाग इक लिए जा रहा हूं। अहिंसा की कीमत दिए जा रहा हूं। देश के सभी धर्मो के लोगों के लिए लिखी गई उनकी लंबी नज्म खूनी नुमाइश प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आल इंडिया रेडियो पर प्रसारित करवाई थी। रमज़ी साहब ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के लिए लिखा था :

लाख तूफान आया किए राह में,
बन के कोहे गरां वो खड़ा ही रहा।
क़ैदे-हस्ती भी उसको गवारा न थी,
हो के आज़ाद मुल्के-अदम को गया।

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सन 1993 में अकादमी ने जयपुर में सम्मानित किया

पंडित नेहरू ने उन्हें जो इज्जत बख्शी,वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काल में भी निभाई गई। सन 1986 में नई दिल्ली में आयोजित दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन सार्क के सेमिनार में रमज़ी इटावी साहब ने शिरकत की थी। उससे पहले सन 197९ में उन्हें राजस्थान उर्दू अकादमी ने सदस्य बनाया था। वहीं सन 1993 में अकादमी ने जयपुर में सम्मानित किया था। उन्हें , राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने जोधपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया था।

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भटकता चांद राजस्थान उर्दू अकादमी से प्रकाशित

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रथम कार्यकाल में राजस्थान उर्दू अकादमी ने उनका काव्य संग्रह सहरा में भटकता चांद राजस्थान उर्दू अकादमी से प्रकाशित किया था। इसके लिए मशहूर शाइर शीन काफ़ निज़ाम की पहल पर अकादमी ने खुद जोधपुर पहुंच कर उनकी मौजूदगी में उनके काव्य संग्रह का विमोचन समारोह आयोजित किया था। उनके इंतक़ाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शोक प्रकट करने जोधपुर शिप हाउस स्थित उनके घर पहुंचे थे। मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी की ओर से उनकी जन्म शताब्दी भी मनाई गई थी। भारत को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने के लिए यह देश व साहित्य जगत उनका ऋणी है।

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