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पुलिस जवान की पत्नी ने खत लिखकर बयां किया अकेले रहने का दर्द, कहा- मदद के लिए आगे नहीं आते लोग

locationनई दिल्लीPublished: Sep 03, 2018 05:23:09 pm

Submitted by:

Prashant Jha

महिला ने एक वेबसाइट पर खुले खत में लिखा कि पुलिसकर्मियों की पत्नियां अपने बच्चों को सिंगल पेरेंट्स की तरह पालती हैं।

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पुलिस जवान की पत्नी ने बयां किया अकेले रहने का दर्द,कहा- मदद के लिए आगे नहीं आते लोग

श्रीनगर: अपनों से दूर रहना किसी को भी खलता है। सबसे ज्यादा सेना और पुलिस के परिवार वालों के घरों में सताता है। इसी कड़ी में घाटी में तैनात एक जवान की पत्नी ने भावुक पोस्ट लिखकर सभी को इस ओर एक बार फिर ध्यान खींचा है। जवान की पत्नी ने खत लिखकर जवानों के परिवार वालों के दर्द को बयां किया है। आरिफा तौसिफ नामक महिला ने एक वेबसाइट पर खुले खत में लिखा कि पुलिसकर्मियों की पत्नियां अपने बच्चों को सिंगल पेरेंट्स की तरह पालती हैं। जब पति ड्यूटी पर होते हैं तो मदद करने के लिए कोई साथ नहीं होता। पति के साथ रहना तो सपने जैसा होता है। हमें एक दूसरे के साथ लंच और डिनर किए हुए अरसा बीत जाता है। ये सामान्य सी चीजें हम जैसी औरतों के लिए एक अरमान की तरह होता है। हम या तो किसी भी फैमिली फंक्शन में एक साथ शामिल होने के लिए प्लानिंग करते रहते हैं, या फिर किसी जवान की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए। एक साथ कहीं बाहर जाना हमारे लिए दिन में सपने देखने की तरह होता है।

हम अपने बच्चों से बोलते हैं झूठ

आरिफा ने लिखा कि जवानों की पत्नियां सबसे ज्यादा झूठ बोलती हैं। हमें बच्चों से झूठ बोलते हैं कि उनके पिता छुट्टी पर अगले त्योहार पर या उनके स्कूल फंक्शन में उनके साथ होंगे। ये सब कहकर हम बच्चों को दिलासा दिलाते हैं और अपने आप से भी झूठ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नसीब में बस इंतजार और इंतजार लिखा है। जब कभी उन्हें घर आना भी होता है तो वे बस कुछ घंटों के लिए आते हैं, दिमागी रूप से वे घर पर भी अपनी ड्यूटी कर रहे होते हैं। इस तरह के हालात हमलोगों को हाइपरटेंशन से ग्रसित बना रहा है।

आरिफा ने शांति और खुशहाली की उम्मीद जताई

पोस्ट में लिखा कि जवानों पर खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। कहीं से भी किसी जवान के शहीद होने की खबर आती है। स्थानीय प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई का आरोप लगता है ये भी बेहद चिंताजनक है। आरिफा आखिरी में लिखती है कि हमारे बच्चे इन सब चीजों को समझते हैं। मैं दुआ करती हूं कि मेरा राज्य इन अंधेरे बादलों से छंटे और हम एक सुखी और शांति कश्मीर को देखें।

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