हम अपने बच्चों से बोलते हैं झूठ
आरिफा ने लिखा कि जवानों की पत्नियां सबसे ज्यादा झूठ बोलती हैं। हमें बच्चों से झूठ बोलते हैं कि उनके पिता छुट्टी पर अगले त्योहार पर या उनके स्कूल फंक्शन में उनके साथ होंगे। ये सब कहकर हम बच्चों को दिलासा दिलाते हैं और अपने आप से भी झूठ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नसीब में बस इंतजार और इंतजार लिखा है। जब कभी उन्हें घर आना भी होता है तो वे बस कुछ घंटों के लिए आते हैं, दिमागी रूप से वे घर पर भी अपनी ड्यूटी कर रहे होते हैं। इस तरह के हालात हमलोगों को हाइपरटेंशन से ग्रसित बना रहा है।
आरिफा ने शांति और खुशहाली की उम्मीद जताई
पोस्ट में लिखा कि जवानों पर खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। कहीं से भी किसी जवान के शहीद होने की खबर आती है। स्थानीय प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई का आरोप लगता है ये भी बेहद चिंताजनक है। आरिफा आखिरी में लिखती है कि हमारे बच्चे इन सब चीजों को समझते हैं। मैं दुआ करती हूं कि मेरा राज्य इन अंधेरे बादलों से छंटे और हम एक सुखी और शांति कश्मीर को देखें।