बॉम्बे हाईकोर्ट औरंगाबाद की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस तंत्र काफी तनाव में है। लिहाजा, अब उन्होंने राहत देने की जरूत है। कोर्ट ने कहां इनके अलावा जो और लोग लगातार ड्यूट कर रहे हैं उन्हें भी राहत देने की जरूत है। उनके बदल राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद ली जाए। न्यायमूर्ति आर वी घुगे की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि राजस्व विभाग के कई कर्मचारी इन दिनों ऑफ ड्यूटी पर हैं। इन सबको यात्रा पास, प्रवासियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के कामों में लगाया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे राजस्व अधिकारियों की तैनाती पर विचार करना चाहिए, जिननकी उम्र 50 वर्ष से कम है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि जहां पुलिस की आवश्यकता नहीं, उन जगहों पर उनकी ड्यूटी लगाई जा सकती है। इस बाबत अदालत ने सरकार और स्थानीय अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
अदालत ने सुनवाई के दौरान एक घटना का भी संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि औरंगाबाद जिले के चिकलथाना इलाके के हॉस्पिटल में काम करने वाली एक नर्स के घर पर हमला किया गया था, उसे समाज छोड़ने की धमकी दी गई थी। क्योंकि, स्थानीय लोगों को डर था कि वह कोरोना वायरस संक्रमण फैला सकती है। इसमें कहा गया कि पुलिस को चाहिए कि वह मेडिकल स्टाफ को अपने घरों को खाली करने के लिए दी गई धमकियों पर गंभीरता से विचार करे और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करे।