पुलिस ने जेएनयू के अधिकारियों को नौ फरवरी की घटना और उसके संभावित प्रभावों के बारे में आगाह किया था
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गयी एक स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक उसने जेएनयू के अधिकारियों को नौ फरवरी की घटना और उसके संभावित प्रभावों के बारे में आगाह किया था जबकि कल यहां पटियाला हाउस अदालत में पत्रकारों तथा जेएनयू के छात्रों एवं अध्यापकों पर हुए हमले के एक दिन बाद भी पुलिस ने इन्हें अंजाम देने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू छात्र संघ के गिरफ्तार किये गये अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित 18 छात्र इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इस कार्यक्रम के तहत रात करीब साढ़े सात बजे एक घंटे तक साबरमती ढाबा और गंगा ढाबा के बीच मार्च निकाला गया। इसके बाद भीड़ शांतिपूर्ण ढंग से तितर बितर हो गयी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में नौ फरवरी को तब पता चला जब परिसर के अंदर पोस्टर लगाये गये।
रिपोर्ट के अनुसार कुछ छात्रों पर आरोप है कि वे सांस्कृतिक संध्या के नाम पर अवांछित गतिविधियों में संलग्न थे। उन्होंने भारत विरोधी नारे लगाये और जम्मू कश्मीर की आजादी का समर्थन किया।
गौरतलब है कि दिन में सोशल मीडिया पर एक पोस्टर सामने आया जिसमें संकेत मिलता है कि चौहान का संबंध भाजपा से है। बहरहाल, पुलिस ने इस चित्र की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की।
उधर मुंबई से प्राप्त समाचार के अनुसार मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के गिरफ्तार प्राध्यापक जीएन साईबाबा के माओवादियों से कथित संबंध के मामले में अभी तक हुई जांच से पता चला है कि डीयू और जेएनयू में बड़ी संख्या में चरम वामपंथी छात्र हैं जिनका कश्मीरी उग्रवादी समूहों से संबंध है।